स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से PM मोदी फहराया तिरंगा, किए तीन बड़े ऐलान
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान मोदी ने सफेद रंग का कुर्ता और केसरिया रंग की पगड़ी पहन रखी थी। उन्होंने 21 बंदूकों की सलामी के बीच 17वीं शताब्दी के स्मारक की प्राचीर से तिरंगा फहराया।
प्रधानमंत्री ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए पांच साल पूरी कर रही अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया, साथ ही तीन बड़े ऐलान भी किए। ये ऐलान स्वास्थ्य सेवा, अंतरिक्ष और महिला सशक्तिकरण से जुड़े हुए हैं। इसमें सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना' अंतरिक्ष के लिए भारत की भविष्य की योजना और सेना में महिलाओं के प्रवेश पर बात की गई।
प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पंडित दीन दयाल की जयंती 25 सितंबर को पूरे देश में 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' शुरू कर दी जाएगी। इससे गरीबों को अच्छी और किफायती हेल्थकेयर सुविधा मिलेगी। पीएम ने बताया कि इसकी टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। इस योजना का लाभ उठाने वाले गरीब मरीजों का बीमा किया जाएगा और उनका कैशलेस इलाज किया जाएगा। पहले खुद के खर्चे से इलाज करवाकर सरकार से पांच लाख रुपये तक की रकम वापस पाने का झंझट नहीं होगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2022 तक कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। इससे भारत अंतरिक्ष में मानव को भेजने वाला चौथा देश बन जएगा। लाल किले से मोदी ने कहा, 'मैं आज देशवासियों को एक खुशखबरी दे रहा हूं। 2022 में जब देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे या हो सके तो उससे पहले मां भारती की कोई संतान, चाहे बेटा हो या बेटी, अंतरिक्ष में जाएगी। उसके हाथ में तिरंगा होगा। इसके साथ ही भारत मानव को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।' खबरों के मुताबिक, इस मिशन के लिए इसरो कड़े प्रयास कर रहा है। इसके लिए करीब 9 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
पीएम ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महिलाओं को भी तोहफा दिया। उन्होंने सेना में महिला अधिकारियों को भी स्थाई कमीशन देने की घोषणा की। पीएम ने बताया कि अब भारतीय सशस्त्र सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से नियुक्त महिला अधिकारियों को पुरुषों ते समकक्ष अधिकारियों की तरह ही परीक्षा देकर स्थाई रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने आगे कहा, महिलाएं स्कूल से लेकर सेना तक कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में पहली बार तीन महिला न्यायाधीश पहुंची हैं।
इसके अलावा पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर को लेकर भी बड़ा ऐलान किया। इसमें उन्होंने बताया कि वहां लंबे समय से टल रहे पंचायत और निकाय चुनाव भी जल्द कराए जाने की तैयारी चल रही है। जम्मू कश्मीर का जिक्र कर पीएम मोदी ने कहा, वहां के लिए अटल जी का आह्वान था- इंसानियत, कश्मीरियत, जम्हूरियत। मैंने भी कहा है, जम्मू-कश्मीर की हर समस्या का समाधान गले लगाकर ही किया जा सकता है। हमारी सरकार जम्मू-कश्मीर के सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 13 करोड़ नौजवानों को मुद्रा लोन मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि आज इस लोन से युवा अपने स्वरोजगार को आगे बढ़ रहे हैं। डिजिटल इंडिया का विस्तार गांवों तक हो रहा है। तीन लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर देशभर के गांवों में चल रहे हैं। हमारा देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2022 तक हमने किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। कई नई फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। सरकार का पूरा ध्यान कृषि क्षेत्र में बदलाव और आधुनिकता लाने का है। बीज से बाजार तक योजना ने सराहनीय कार्य किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम कड़े फैसले लेने का सामर्थ्य रखते हैं क्योंकि देशहित हमारे लिए सर्वोपरि है। जब हौसले बुलंद होते हैं, देश के लिए कुछ करने का इरादा होता है तो बेनामी संपत्ति का कानून भी लागू होता है। भारत की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से विकास कर रही है। पूर्वोत्तर भारत भी देश के विकास के साथ जुड़ रहा है। चार साल में नॉर्थ ईस्ट को भारत के साथ लाकर खड़ा कर दिया है।
तीन तलाक की कुप्रथा के कारण मुस्लिम महिलाओं को अन्याय का सामना करना पड़ा है। सरकार इसे खत्म करने का प्रयास कर रही है लेकिन तीन तलाक बिल को कुछ लोग पारित नहीं होने दे रहे हैं। मैं मुस्लिम महिलाओं और बेटियों को विश्वास दिलाता हूं कि उन्हें न्याय दिलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ूगा। बाबा साहब ने जो संविधान बनाया है, वह सभी को न्याय देता है। हमने सभी के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया है। हाल ही में संपन्न संसद का मानसून सत्र सामाजिक न्याय प्रति प्रतिबद्ध था। संसद के इस सत्र में ओबीसी आयोग को बनाने वाला बिल पास हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बलात्कार की शिकार बेटी को जितनी पीड़ा होती है, उससे लाखों गुना हमें होती है। इस राक्षसी मनोवृति से देश को मुक्त कराना होगा। पिछले दिनों में मध्य प्रदेश के कटनी में बलात्कारियों को पांच दिन में सजा सुनाई गई। राजस्थान में ऐसा ही हुआ है और राक्षसी वृत्ति की मानसिकता को फांसी की सजा हुई है। हमें इसे प्रचारित करना होगा और इस विकृति पर हमला करना होगा। कानून का शासन होना चाहिए। कानून का शासन सर्वोच्च है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
पीएम ने अपने संबोधन में खुले में शौच मुक्त भारत का जिक्र करते हुए कहा कि अगर शौचालय बनाने में 2013 की रफ्तार से चलते तो कितने दशक बीत जाते इसकी कल्पना नहीं कर सकते। अगर हम गांव में बिजली पहुंचाने की बात करें, तो 2013 के आधार के आधार पर सोचें, तो एक दो दशक और लग जाते। अगर 2013 की रफ्तार से ऑप्टिकल फाइबर लगाने का काम करते तो गांवों में इसे पहुंचाने में पीढ़ियां निकल जातीं। जिस रफ्तार से 2013 में गैस कनेक्शन दिया जा रहा था, अगर वही पुरानी रफ्तार होती तो देश के हर घर में सालों तक भी गैस कनेक्शन नहीं पहुंच पाता। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज रिकॉर्ड अन्न उत्पादन कर रहा है। कौशल विकास पर तेजी से काम चल रहा है। हमारे देश से अपेक्षाएं बहुत ज्यादा हैं। इसलिए हमें बड़े लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से अब तक मैं अनुभव कर रहा हूं कि सवा सौ करोड़ देशवासी सिर्फ सरकार बनाकर रुके नहीं, वो देश बनाने में जुटे हैं। गरीबों को न्याय मिले, हर किसी को उसकी इच्छा और आकांक्षाओं के हिसाब से आगे बढ़ने का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया को हर तरह के बंधनों से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाएगा। मोदी ने कहा कि महान तमिल कवि, दीर्घदृष्टा और आशावादी सुब्रमणियम भारती ने लिखा था कि भारत न सिर्फ एक महान राष्ट्र के रूप में उभरेगा बल्कि दूसरों को भी प्रेरणा देगा। आज हर भारतीय इस बात का गर्व कर रहा है आज हम दुनिया की छठीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आज भी सबका साथ-सबका विकास की नीति पर आगे बढ़ना चाहती है। हमारा लक्ष्य है कि हाउसिंग फॉर ऑल, पावर फॉर ऑल, सैनिटेशन, वाटर, कुकिंग, इंश्योरेंस और कनेक्टविटी फॉर ऑल का सपना पूरा करना। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ये स्वीकार करता हूं कि मैं बेसब्र हूं क्योंकि कई देश हमसे आगे निकल चुके हैं। मैं अपने देश को इन देशों से आगे ले जाना चाहता हूं इसलिए मैं बेचैन, व्याकुल और अधीर हैं।