राहुल ने PMO और RSS पर साधा निशाना, ट्विटर पर लिखा- छात्रों! उठो! तुम्हारा भविष्य खतरे में है
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : राहुल गांधी ने सिविल सेवा परीक्षाओं में कैडर देने के नियमों में बदलाव के प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रस्ताव पर जोरदार तरीके से निशाना साधा की है। राहुल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा- प्रधानमंत्री सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट लिस्ट में छेड़छाड़ कर आरएसएस की पसंद के अफसरों की नियुक्ति कराना चाहते हैं। राहुल ने ट्विटर पर पीएमओ के एक पत्र को शेयर करते हुए छात्रों को इसके विरोध में आगे आने को कहा।
राहुल ने ट्विटर पर लिखा, छात्रो! उठो! तुम्हारा भविष्य खतरे में है। आरएसएस तुम्हारा अधिकार छीनना चाहती है। पत्र परीक्षा रैंकिंग के बजाय व्यक्तिपरक मानदंडों का उपयोग करके योग्यता सूची में हेरफेर कर केंद्रीय सेवाओं में आरएसएस की पसंद के अधिकारियों को नियुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री की योजना का खुलासा करता है। राहुल गांधी ने ट्वीट के साथ हैशटैग के रूप में #ByeByeUPSC भी लिखा है।
राहुल गांधी का यह ट्वीट प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से 17 मई को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) को लिखे एक पत्र के बाद आया है। इस पत्र में पीएमओ ने यूपीएससी को फाउंडेशन कोर्स के नंबरों के आधार पर चयनित आवेदकों को कैडर देने का सुझाव दिया है। अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधान मंत्री मोदी चाहते हैं कि आरएसएस अपनी पसंद के अधिकारियों का चयन करे। हालांकि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के साझा किए गए आधिकारिक दस्तावेज में आरएसएस का कोई उल्लेख नहीं था।
Rise up students, your future is at risk! RSS wants what’s rightfully yours. The letter below reveals the PM’s plan to appoint officers of RSS’s choice into the Central Services, by manipulating the merit list using subjective criteria, instead of exam rankings. #ByeByeUPSC pic.twitter.com/VSElwErKqe
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 22, 2018
आधिकारिक बयान के मुताबिक, पीएमओ ने संबंधित विभाग से यह जांचने के लिए कहा था कि फाउंडेशन कोर्स के पूरा होने के बाद सेवाओं को आवंटित किया जा सकता है या नहीं। लगभग सभी सेवाओं के अधिकारियों के लिए फाउंडेशन कोर्स की अवधि तीन महीने है। अभी तक यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के आधार पर चुने गए उम्मीदवारों को विभिन्न सेवाओं का आवंटन फाउंडेशन कोर्स शुरू होने से पहले किया जाता है। सफल उम्मीदवारों को आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस जैसे कैडर आवंटित होने के बाद उनका लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में उनका फाउंडेशन कोर्स होता है।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा विभिन्न कैडर-नियंत्रण प्राधिकरणों को भेजी गई सूचना के मुताबिक, अब पीएमओ चाहता है कि इसकी जांच की जाए कि क्या परीक्षा के आधार पर चुने गए प्रोबेशनरों को सेवा आवंटन/कैडर आवंटन फाउंडेशन कोर्स को फाउंडेशन कोर्स के बाद किया जा सकता है। यूपीएससी विभिन्न केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों को चुनने के लिए तीन चरणों प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।
क्या है प्रधानमंत्री कार्यालय का प्रस्ताव?
प्रधानमंत्री कार्यालय ने संबंधित विभागों से इस पर विचार करने को कहा है कि क्या फाउंडेशन कोर्स पूरा होने के बाद सर्विस अलॉट कर सकते हैं? सभी सेवाओं के अधिकारियों के फाउंडेशन कोर्स की अवधि तीन माह है। अभी सिविल सर्विस एग्जाम में चुने गए उम्मीदवारों को फाउंडेशन कोर्स से पहले सर्विस अलॉट की जाती है। पीएमओ ने यह देखने को कहा है कि क्या सर्विस या कैडर का आवंटन फाउंडेशन कोर्स के बाद कर सकते हैं? कार्मिक मंत्रालय ने अलग-अलग कैडर से संबंधित विभागों से यह प्रस्ताव लागू करने की व्यावहारिकता पर राय मांगी है। पूछा गया है कि क्या फाउंडेशन कोर्स और यूपीएससी की परीक्षा के नंबरों के आधार पर सर्विस और कैडर आवंटित किए जाएं?
आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के अलावा राजस्व सेवा, दूरसंचार सेवा और अन्य सेवाओं के लिए अधिकारी अलॉट करने पर भी फीडबैक मांगा गया है। बता दें कि मौजूदा नियमों के मुताबिक, छात्रों को कैडर उनके परीक्षा में प्राप्त नंबर के आधार पर मिलता है। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री अकादमी (मसूरी, उत्तराखंड) में उनका फाउंडेशन कोर्स होता है। सरकार का अपने सुझाव पर तर्क है कि उम्मीदवारों को परीक्षा पास करते ही कैडर मिल जाता है, जिसके बाद वे फाउंडेशन कोर्स को गंभीरता से नहीं लेते। कई बार उम्मीदवार फेल भी होते हैं, उन्हें दोबारा मौका दिया जाता है। इसके अलावा कई उम्मीदवार ऐसे हैं जो अपना कैडर सुधारने की वजह से इसमें शामिल नहीं होते। केंद्र का कहना है कि जब ट्रेनिंग और परीक्षा दोनों के आधार पर कैडर मिलेगा तो उम्मीदवार इसे गंभीरता से लेंगे।