जेटली के मानहानि मामले में केजरीवाल को समन
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं को वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत के मामले में यहां की एक अदालत ने आरोपी के तौर पर तलब किया।
अदालत ने इस बात पर गौर किया कि जेटली पर लगाए गए आरोप ‘अपमानजनक’ थे और ‘मानहानि’ के दायरे में आते हैं और आरोपियों से सात अप्रैल को अदालत के समक्ष उपस्थित होने को कहा है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित दास ने केजरीवाल के अतिरिक्त कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी को अदालत के समक्ष उपस्थित होने को कहा।
अदालत ने कहा, ‘आरोप न सिर्फ अपमानजनक हैं बल्कि निरादर करते हुए ताना मारने वाले और भड़काऊ हैं। मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि प्रतिवादियों (केजरीवाल और पांच अन्य) द्वारा लगाए गए आरोप अपमानजनक प्रकृति के हैं और मानहानिकारक हैं।’ अदालत ने आईपीसी की धारा 500 (आपराधिक मानहानि) और धारा 34 (समान आशय) के तहत कथित अपराधों के लिए इन छह आरोपियों को तलब किया और उनसे सात अप्रैल को अदालत के समक्ष उपस्थित होने को कहा।
यह आदेश जेटली की आपराधिक मानहानि की शिकायत पर आया जिसमें उन्होंने कहा था कि केजरीवाल और पांच अन्य आप नेताओं ने डीडीसीए विवाद में कथित तौर पर उनकी मानहानि की। अपने 30 पन्नों के आदेश में अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण अधिकार नहीं है, ‘बल्कि इसपर तर्कसंगत पाबंदियां हैं और मानहानि का कानून उनमें से प्राथमिक है।’
आदेश में कहा गया है, ‘सार्वजनिक बातचीत की भाषा शिष्टता के दायरे में होनी चाहिए और अगर कोई उस सीमा को लांघता है और कुछ अपमानजनक, घृणास्पद और इशारों में कहा जाता है तो यह मानहानि हो सकता है और असंतुष्ट व्यक्ति इसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।’ आरोपी के फेसबुक और ट्विटर पोस्ट में दिए गए बयानों का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा, ‘बयानों में समाज के सही सोच वाले लोगों की नजर में शिकायतकर्ता (जेटली का) का उपहास किया गया है, उनके खिलाफ घृणा फैलाई गई और उनकी अवमानना की गयी है और उनकी प्रतिष्ठा को नीचे गिराया गया है।’
अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘जेटली द्वारा सम्मन किए जाने से पूर्व दिए गए साक्ष्य के आलोक में वे बयान इस समान आशय को रेखांकित करते हैं कि शिकायतकर्ता को संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले व्यक्ति के तौर पर पेश करना था जो बेईमानी वाले सौदों के जरिए धन के घपले में शामिल था।’ अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसकी सबसे बड़ी संपत्ति है। किसी व्यक्ति को अपनी प्रतिष्ठा बनाने में वर्षों लगते हैं। इस बात को उन लोगों से बेहतर कोई नहीं जानता है तो सार्वजनिक पद धारण करते हैं या उसकी आकांक्षा रखते हैं।'
जेटली ने केजरीवाल और आप नेताओं के खिलाफ दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) विवाद में कथित तौर पर उनकी मानहानि करने के लिए आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मुख्यमंत्री और अन्य को जेटली की उस शिकायत पर तलब किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ मानहानिकारक आरोप लगाए हैं कि एक खेल प्रबंधन कंपनी मेसर्स ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़कर उन्होंने वित्तीय लाभ हासिल किया।