पशु बिक्री अधिसूचना पर मोदी सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर लगाई रोक
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : पशु बिक्री मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने करारा झटका दिया है। इस मामले में मंगलवार को सुनवार्इ करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा पशुओं को वध के लिए बेचने ओर खरीदने को लेकर जारी अधिसूचना के नियम फिलहाल लागू नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर देशभर में रोक लगाने के मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जब तक केंद्र सरकार इस अधिसूचना में नियमों में बदलाव कर फिर से अधिसूचित नहीं करता, रोक बनी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार जब दोबारा अधिसूचना जारी करे तो लोगों को पर्याप्त वक्त दिया जाना चाहिए। वहीं, केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि इन नियमों को लेकर राज्य सरकारों ने कई सुझाव दिए हैं और आपत्ति जताई है जिन पर विचार किया जा रहा है। केंद्र सरकार फिलहाल नियमों को लागू नहीं कर रही है और इनमें बदलाव करने में करीब तीन महीने का वक्त लगेगा। इसके बाद केंद्र सरकार नियमों में बदलाव कर दोबारा नोटिफिकेशन जारी करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सारी याचिकाओं का निपटारा किया और कहा कि जब नए नियम बनेंगे तो कोई भी कोर्ट में चुनौती दे सकता है। केंद्र सरकार द्वारा पशुओं को वध के लिए बेचने ओर खरीदने को लेकर जारी अधिसूचना के विरोध में अपना पक्ष रखा। केंद्र सरकार ने कोर्ट में बताया कि राज्यों को पशुओं के लिए बाजारों की पहचान करने में तीन महीने का वक्त लगेगा। केंद्र अगस्त महीने के आखिर तक नियमों में बदलाव करेगी। तब तक इस नोटिफिकेशन के नियम लागू नहीं होंगे।
पशु वध के मकसद से पशुओं की खरीद-फरोख्त किये जाने पर रोक लगाने वाली केन्द्र की विवादित अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते 15 जून को केंद्र सरकार से जवाब-तलब किया था। केन्द्र की ओर से 26 मई को एक अधिसूचना जारी कर देश भर के पशु बाजारों में वध के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त किये जाने पर रोक लगा दी गई थी। केंद्र की इस अधिसूचना के खिलाफ सबसे पहले मद्रास हार्इकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आया था।
केंद्र सरकार की ओर से 26 मर्इ को अधिसूचना जारी करने के चार दिन बाद ही 30 मर्इ को मद्रास हार्इकोर्ट की मदुरै पीठ ने पशु बिक्री को लेकर जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगा दिया था। अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी का चार सप्ताह में जवाब मांगा था। पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त ‘पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम 2017’ को अधिसूचित किया था।
केंद्र की अधिसूचना के मुताबिक, पशु बाजार समिति के सदस्य सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी शख्स बाजार में अवयस्क पशु को बिक्री के लिए लेकर नहीं आये। किसी भी शख्स को पशु बाजार में मवेशी को लाने की इजाजत नहीं होगी, जब तक कि वहां पहुंचने पर वह पशु के मालिक द्वारा हस्ताक्षरित यह लिखित घोषणा-पत्र न दे दे, जिसमें मवेशी के मालिक का नाम और पता हो और फोटो पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो।