उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए से तोड़ा नाता, PM मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा- आपने मेरे साथ छल किया
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से नाता तोड़ मोदी सरकार में मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार में सीट बंटवारे पर कुशवाहा काफी वक्त से भाजपा आलाकमान से नाराज चल रहे थे। वह राज्य में ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर रहे थे लेकिन भाजपा ने उनकी मांग को तवज्जो नहीं दी थी।
उपेंद्र कुशवाहा ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दिया है जिसमें कहा गया है कि बतौर प्रधानमंत्री बिहार के लोगों के साथ किए गए वादों को पूरा करने में नरेंद्र मोदी असफल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी को भेजे गए पत्र में कुशवाहा ने कहा, बीते 55 महीनों से आपके मंत्रिपरिषद में सेवा करने के दौरान मुझे नजर अंदाज किया गया और आपने मेरे साथ छल किया है। चुनावों से पहले लोगों से किए गए वादों और सत्ता में आने के बाद जो आपने किया उसमें विरोधाभास है। उपेंद्र कुशवाहा मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री थे।
पीएम नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा भेजने के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुशवाहा ने कहा, प्रधानमंत्री ने बिहार को विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी लेकिन कुछ नहीं मिला। बिहार आज भी वहीं खड़ा है जहां पहले खड़ा था। राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कुशवाहा ने कहा कि बिहार के लोगों की पीएम मोदी जो उम्मीद थी उसपर वह खड़ा नहीं उतर पाए। ओबीसी के लोग निराश हुए हैं। ओबीसी वर्ग आज ठगा हुआ महसूस कर रहा है। पीएम मोदी ने ओबीसी के कमजोर तबके के वर्गीकरण की बात कही थी लेकिन उसे भी कमेटी बनाकर टाल दिया गया।
कुशवाहा ने कहा, 'सब कुछ समझने के बाद मुझे लगता है कि आरएसएस के एजेंडे को लागू करने के लिए मुझे कैबिनेट में एक मिनट के लिए भी नहीं रुकना चाहिए। इसीलिए मैंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही मैंने यह फैसला भी किया है कि आरएलएसपी अब एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगा। कुशवाहा ने इस्तीफे के बाद नीतीश पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार के राज में बिहार में घोर अन्याय हुआ है। राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार और भाजपा ने उनकी पार्टी को बर्बाद करने की कोशिश की। नीतीश का एजेंडा मुझे बर्बाद करने का था।
कुशवाहा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के धुर विरोधी माने जीते हैं। बीते शनिवार को कुशवाहा ने उपवास के बहाने नीतीश कुमार पर जमकर सियासी हमला बोला था। औरंगाबाद के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन मुहैया नहीं कराए जाने का आरोप लगाते हुए कुशवाहा ने कहा, राजनीति अपनी जगह है लेकिन शिक्षा के नाम पर राजनीति सही नहीं है। औरंगाबाद और नवादा के लिए केंद्र सरकार के भेजे प्रस्ताव के बावजूद बिहार सरकार ने केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई, वरना आज इन विद्यालयों में भी पढ़ाई शुरू हो जाती।
कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं और बिहार की आबादी में कोइरी जाति की आबादी तीन फीसदी है। बिहार में यादवों को आरजेडी का कोर वोटर माना जाता है। राज्य में यादवों की आबादी करीब 15 फीसदी है। आरजेडी को मुसलमानों का भी भरपूर समर्थन मिलता है। बिहार में मुस्लिमों की आबादी भी 15 फीसदी से ज्यादा है। इस प्रकार से कुशवाहा की पार्टी, आरजेडी और कांग्रेस मिलकर महागठबंधन में चुनाव लड़ती है एनडीए को सीधे-सीधे हराने में सफलता मिल सकती है।