पीएनबी घोटाला: यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री जेटली से पूछे 10 सवाल
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का कहना है कि पीएनबी घोटाले ने न सिर्फ देश के बैंकिंग सिस्टम की खामियों की पोल खोली है, बल्कि नरेंद्र मोदी सरकार की छवि को भी धूमिल किया है। NDTV.com के लिए लिखे एक ब्लॉग में यशवंत सिन्हा ने कहा कि भले ही घोटाला सिस्टमैटिक फेल्योर का नतीजा होता है और कोई भी वित्त मंत्री हर समय अपने नीचे काम करने वाली हर संस्था के हर कृत्य पर नजर नहीं रख सकता, लेकिन वह अपनी संवैधानिक और लोकतांत्रिक ज़िम्मेदारी से भी नहीं बच सकता है। इस ब्लॉग में उन्होंने वित्त मंत्री अरूण जेटली से 10 सवाल पूछे हैं, जिनके जवाब मामले की जड़ तक पहुंचने के लिए अनिवार्य हैं।
1. यदि नीरव मोदी का घोटाला 2011 में शुरू हुआ था तो बताया जाए कि हर साल कितने लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एलओयू) जारी किए गए? मामले को इससे आगे साफ-साफ समझने के लिए मई 2014 को एक खास वक्त मान लिया जाए और बताया जाए कि मई, 2014 तक कितने एलओयू जारी हुए और कितने उस साल के अंत तक।
2. प्रत्येक एलओयू की राशि बताई जाए।
3. बताया जाए कि एलओयू कितनी अवधि के लिए वैध था- 90 दिन, 180 दिन, 365 दिन या उससे भी ज़्यादा।
4. यह बताया जाए कि हर एलओयू पर विदेशी बैंकों से कितनी राशि निकली?
5. कितने मामलों में एलओयू की रकम पीएनबी को वापस लौटी? कितने एलओयू की गारंटी पीएनबी को नहीं लौटाई गई?
6. अगर किसी विदेशी बैंक ब्रांच को समय पर पैसे नहीं मिले तो क्या उसने पीएनबी को खबर दी? कितने मामलों में बकाया वसूली के लिए पीएनबी की गारंटी का इस्तेमाल किया गया?
7. क्योंकि इसमें विदेशी मुद्रा का ट्रांजेक्शन भी शामिल था, तो फिर बताया जाए कि आखिर ये आरबीआई की निगाह से ये लेनदेन बचा कैसे रह गया?
8. बताया जा रहा है कि नीरव मोदी ने 200 शेल कंपनियां बनाई थीं जिनके जरिए लेनदेन हुआ, लेकिन फिर सरकार के दावे का क्या हुआ कि नोटबंदी के बाद ऐसी सारी फर्जी कंपनियां बंद हो गई हैं?
9. जब जांच एजेंसियां तुरंत ही नीरव मोदी की जब्त की गई संपतियों को कैलकुलेट कर सकती है तो फिर वे साधारण जानकारियां क्यों नहीं साझा कर रही हैं?
10. और अंत में, इस कन्फ्यूजन से किसे फायदा हो रहा है? हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस खबर की प्रासंगिकता तभी तक है, जब तक कोई बड़ी खबर मीडिया को मिल नहीं जाती? उसके बाद फिर नीरव मोदी भी माल्या की तरह इतिहास बन जाएंगे।