राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही शुरू हुआ संसद का बजट सत्र
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के साथ ही संसद के बजट सत्र का आगाज हो गया है। मुखर्जी ने संसद के बजट सत्र को संबोधित करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में बाद पहली बार रेल बजट अलग से नहीं लाया जाएगा। सरकार ने इस वर्ष से रेल बजट को भी आम बजट का हिस्सा बना दिया है, पहले रेल बजट अलग से पेश किया जाता था।
इसके साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य सबका साथ सबका विकास है। ये सरकार गरीबों, शोषितों, वंचितों के लिए काम कर रही है। नोटबंदी से सरकार ने कालेधन के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ी और बैंकिंग से भी जनता को जोड़ने की कोशिश की।
उन्होंने कहा- सरकार की हर योजना में गरीबों की बात की गई है। गरीबों के लिए जनधन योजना, ग्राम ज्योति योजना का ऐलान किया गया है। सरकार एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत विकास का काम कर रही है और एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत विकास के कार्य हो रहे हैं।
सरकार ने युवाओं की योग्यता बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं और सरकार का 6 लाख दिव्यांगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य है जो बहुत अच्छा कदम है। दिव्यांगों को बराबरी का दर्जा देना सरकार का लक्ष्य है और इसीलिए दिव्यागों का आरक्षण बढ़ाया गया है।
इससे पहले सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि आज से नई परंपरा की शुरूआत हो गई है। पीएम मोदी ने कहा कि उम्मीद है कि बजट सत्र जनहित के लिए हो। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बजट सत्र के लिए संसद पहुंचने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का स्वागत किया।