स्वामी बोले- राम के एजेंडे पर नहीं लौटी भाजपा तो UP में हार तय
सत्ता विमर्श ब्यूरो
इलाहाबाद : अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का मानना है कि अगर कांग्रेस 1971 के युद्ध में जीत का सियासा लाभ उठा सकती है तो भाजपा सर्जिकल स्ट्राइक को यूपी समेत अन्य विधानसभा चुनावों में क्यों नहीं भुनाए। स्वामी ने कहा कि हर सरकार अपने किए हुए काम को जनता के बीच ले जा सकती है और सर्जिकल स्ट्राइक इसका अपवाद नहीं। हम यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सर्जिकल स्ट्राइक को उठाएंगे।
रविवार को इंडिया पॉलिटिकल कॉन्क्लेव में स्वामी ने कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी केवल विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं जीत सकती। इसलिए अगर भाजपा लोगो को यह भरोसा दिलाने में सफल हो जाती है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वह करा सकती है तो आने वाले चुनाव में भाजपा की संभावनाएं एकदम से बढ़ जाएंगी।
स्वामी ने कहा कि पीछे मुड़कर जब देखेंगे तो पीवी नरसिम्हा राव एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनके कार्यकाल में काफी विकास कार्य हुआ, बावजूद इसके कांग्रेस लोकसभा चुनाव हार गई। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी 2004 में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ी लेकिन हार गई। इसलिए अगर भाजपा यूपी विधानसभा चुनाव में विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने की सोच रही है तो वह गलतफहमी का शिकार होगी।
स्वामी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में दो मुद्दे अहम हो सकते है - एक कानून व्यवस्था और दूसरा राम मंदिर निर्माण का मुद्दा। कानून व्यवस्था के मु्द्दे पर सपा इस चुनाव में बैकफुट पर रहेगी। इसलिए कानून व्यवस्था के मुद्दे को उठाते हुए भाजपा यदि राम मंदिर के एजेंडे पर लौटती है तो यूपी चुनाव जीतने से कोई नहीं रोक सकता है।
भारत टैक्स हैवन देश है या नहीं के सवाल पर स्वामी ने कहा कि जिस तरह से भारत की अर्थव्यवस्था चल रही है, आयकर विभाग को बंद कर देना चाहिए और सभी करदाताओं को विकास के अन्य कार्यों जैसे सड़क निर्माण आदि में लगा देना चाहिए। स्वामी ने सख्त लहजे में कहा, मैं एनडीए सरकार के कामकाज से तो खुश हूं लेकिन वित्त मंत्री अरूण जेटली के कार्यों से संतुष्ट नहीं हूं और इस बारे में पीएम मोदी ही यह बता सकते हैं कि वह उनसे किस तरह से निपट रहे हैं।