भर्राए गले से बोला जस्टिस लोया का बेटा- किसी पर नहीं संदेह, कृपया हमें परेशान ना करें
सत्ता विमर्श ब्यूरो
मुम्बई: सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस बृजमोहन हरिकृष्ण लोया की कथित संदिग्ध मौत पर उनके बेटे अनुज लोया ने कहा है कि उनके परिवार को किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। संवाददाता सम्मेलन में आंखों में आंसू लिये और भर्राए गले से अनुज लोया ने गैर सरकारी संगठनों और नेताओं से उनके पिता की मृत्यु को लेकर उनके परिवार को ‘परेशान करना’ बंद करने की अपील की।
बी एच लोया के पुत्र अनुज लोया ने कहा, ‘पिता की मृत्यु को लेकर कोई संदेह नहीं है, पहले था, लेकिन यह दूर हो चुका है।’ पुणे के एक कॉलेज में लॉ की पढ़ाई कर रहे अनुज लोया ने कहा कि जब 1 दिसंबर 2014 को उनके पिता की मौत हुई थी उस वक्त वे भावनात्मक रूप से टूट गये थे, इसलिए उन्हें कुछ शक था लेकिन अब उनका संदेह दूर हो चुका है , इसलिए इस मामले में जांच की जरूरत भी नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम की वजह से उनका परिवार दुखी है कृपया उन्हें तकलीफ ना दी जाए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनुज लोया के साथ मौजूद वकील अमीत नाईक ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है, इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'पिता की मौत के बाद मेरे दादा और बुआ ने संदेह जताया था, लेकिन अब ऐसा नहीं है...यह एक दुखद घटना है और हम इस मुद्दे के राजनीतिकरण की वजह से तकलीफ और परेशान नहीं झेलना चाहते हैं, इसे ऐसा ही रहने दें जैसा कि है, इसमें कोई विवाद नहीं है।’
वैसे ये पहली बार नहीं है जब अनुज ने पिता की मौत पर विचार रखे है। इससे पहले उन्होंने नवंबर में बॉम्बे हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस मंजुला चेलुर से मिल कर कहा था कि अब लोया परिवार इस मौत के खिलाफ कोई शिकायत नहीं करना चाहता और वो इसे संदिग्ध मौत नहीं मानते हैं। तब लोया के एक साथी (सेवानिवृत्त) जिला जज केबी कटके ने अपने निजी बयान में इसे राजनीति की वजह से चुप रहने की मजबूरी करार दिया था। उन्होंने कहा था कि मौत के बाद उनके घर आने जाने वाले लोगों का तांता लगा है और इससे वो लोग परेशान हैं। वो राजनीति का शिकार नहीं होना चाहते।
बता दें कि सीबीआई जज जस्टिस बीएच लोया बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। इस केस में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आरोपी थे लेकिन अदालत उन्हें बरी कर चुकी है। जस्टिस लोया 30 नवंबर 2014 को अपने साथी जज स्वपना जोशी की बेटी की शादी में शरीक होने के लिए नागपुर गये थे। 1 दिसंबर को सुबह 4 बजे छाती में दर्द की शिकायत की थी इसके बाद उनके साथ मौजूद जज उन्हें अस्पताल ले गये थे। अस्पताल में ही उनकी मौत हो गयी थी। इस संदिग्ध मौत के बाद ही जस्टिस लोया के पिता हरिकृष्ण लोया और उनकी दो बहनों अनुराधा बियानी और सविता मंधने ने मौत को संदिग्ध बताया था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चार जजों द्वारा सीजीआई की कार्यशैली पर प्रश्न उठाने और खुले खत के बाद ये मामला सुर्खियों में आया। एक प्रेस कांफ्रेंस में जब जस्टिस लोया मामले से इसे जोड़कर सवाल किया गया तो चारों में से एक जस्टिस गोगई ने समर्थन में प्रतिक्रिया दी।