जस्टिस गोगोई-जस्टिस लोकुर ने CJI से 'फुल कोर्ट' बुलाने की रखी मांग
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का नोटिस खारिज होने के बाद भी सर्वोच्च न्यायालय से जुड़े मसले कम होते नहीं दिख रहें हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के ही दो जजों ने उन्हें चिट्ठी लिखकर फुल कोर्ट मीटिंग बुलाने की मांग की है। जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन भीमराव लोकुर ने CJI दीपक मिश्रा को चिट्ठी लिखी है। दो लाइनों की इस चिट्ठी के जरिये सीजेआई से फुल कोर्ट मीटिंग बुलाने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के फुल कोर्ट का मतलब है सभी जजों की एक बैठक बुलाना। ऐसी बैठक आमतौर पर CJI द्वारा तब बुलाई जाती है जब न्यायपालिका से जुड़े जन महत्व के किसी बेहद जरूरी विषय पर चर्चा करनी हो। अंग्रेजी दैनिक में छपी खबर के अनुसार- जजों ने 'संस्थागत मामलों' और 'अदालत के भविष्य' पर विचार करने की जरूरत पर बल दिया है, हालांकि मुख्य न्यायाधीस की तरफ से अब तक इसका कोई जवाब नहीं आया है।
इससे पहले सोमवार को भी जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस लोकुर ने ये मुद्दा सुबह की रुटीन चाय मीटिंग में उठाया था। जस्टिस गोगोई और लोकुर जजों को चुनने वाली कॉलेजियम के भी सदस्य हैं। गौरतलब है कि जस्टिस दीपक मिश्रा अक्टूबर में रिटायर हो रहे हैं और इसके बाद इस पद पर जस्टिस गोगोई के ही आने की संभावना है। कुछ दिनों पहले यानी 9 अप्रैल को जस्टिस कुरियन जोसफ ने भी चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर कॉलेजियम की सिफारिशों पर सरकार के रवैए पर कदम उठाने को कहा था। गौरतलब है कि पिछले दिनों विपक्षी दलों ने CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव (Impeachment Motion) सौंपा था। राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इसे खारिज कर दिया था।
इससे पहले जनवरी में भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस जे। चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने प्रेस वार्ता की थी। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है, और यदि संस्था को ठीक नहीं किया गया, तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।