#MeToo कैंपेन के बवंडर में मोदी सरकार के मंत्री एम.जे. अकबर समेत कई नामचीन बेनकाब!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : आज से करीब 12 साल पहले अमेरिका में शुरू हुआ #MeToo अभियान अब भारत में भी बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के बाद तमाम महिला कलाकारों, पत्रकारों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की है। इस कड़ी में मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर, बॉलीलुड अभिनेता नाना पाटेकर समेत कई दिग्गज व नामचीन हस्तियों पर आरोप लगे हैं।
अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर के खिलाफ 8 महिला पत्रकारों (प्रिया रमाणी, कनिका गहलोत, सुप्रिया शर्मा, शुमा राह, प्रेरणा सिंह बिंद्रा गजाला वहाब, सबा नकवी और शतापा पॉल) ने यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों में कहा गया है कि यह काम उन्होंने तब किया जब वे अखबार के संपादक के रूप में काम कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, एम.जे अकबर अभी नाइजीरिया के दौरे पर हैं और इस मामले से संबंधित सवाल पर ईमेल, कॉल और वाट्सएप पर किसी तरह का जवाब नहीं दिया। मी टू कैंपेन के तहत मीडिया, फिल्म और मनोरंजन जगत के नामों के बाद एम.जे. अकबर पहले राजनीतिक शख्सियत हैं जिनके ऊपर यह आरोप लगा है।
क्या है #MeToo और कौन हैं इसके जनक
यौन उत्पीड़न के खिलाफ #MeToo हैशटैग के साथ विश्वव्यापी आंदोलन की शुरुआत कब हुई थी? कौन था जिसने इसे शुरू किया? #MeToo आंदोलन की शुरुआत आज से करीब 12 साल पहले हुई थी। सोशल मीडिया पर यह आंदोलन ठीक एक साल पहले यानी अक्टूबर 2017 में वायरल हुआ। दरअसल अपने मूल स्वरूप में यह आंदोलन यौन शोषण का शिकार हुई महिलाओं की मदद के लिए शुरू हुआ है। 2006 में अमेरिकी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता तराना बर्क ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी। तराना बर्क खुद यौन उत्पीड़न की शिकार रही हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि बचपन से लेकर बड़े होने तक तीन बार उनका यौन शोषण हो चुका है। मायस्पेस सोशल नेटवर्क में तराना बर्क के इन दो शब्दों ने एक आंदोलन का रूप ले लिया जिसमें यौन शोषण पीड़ितों को इस बात का अहसास दिलाने की कोशिश की गई कि आप अकेली नहीं हैं। पिछले साल अक्टूबर में मशहूर अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स और द न्यू यॉर्कर ने अमेरिकी फिल्म निर्माता हार्वी वाइंस्टीन को लेकर बड़े खुलासे किए। इस रिपोर्ट में तीन दशकों के करियर के दौरान वाइंस्टीन पर 80 से अधिक महिलाओं ने रेप, यौन शोषण के आरोप लगाए। इसी बीच 16 अक्टूबर 2017 को हॉलीवुड अदाकारा एलिसा मिलानो को सोशल साइट पर एक मेसेज मिला। इस मेसेज में लिखा था कि अगर कभी आपका यौन उत्पीड़न हुआ है तो आप MeToo का स्टेटस लगाएं ताकि लोगों को इस समस्या की गंभीरता का अंदाजा हो। मिलानो ने MeToo लिखकर ट्वीट किया और उनका यह ट्वीट वायरल हो गया। तमाम महिलाएं सोशल मीडिया पर इस हैशटैग का इस्तेमाल कर अपने साथ हुए यौन शोषण का जिक्र करने लगीं। देखते-देखते इस मूवमेंट में हॉलीवुड के बाद अन्य तमाम सेक्टरों की महिलाएं भी शामिल हो गईं और इसने विश्वव्यापी रूप ले लिया।
भारत में सोशल मीडिया पर #MeToo मूवमेंट अभी हाल में बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता की तरफ से लगाए गए आरोपों के बाद शुरू हुआ। तनुश्री दत्ता ने आरोप लगाया है कि साल 2008 में आई फिल्म हॉर्न ओके प्लीज के लिए उन्हें एक आइटम नंबर शूट करना था। शूटिंग के दिन नाना पाटेकर भी सेट पर मौजूद थे। तनुश्री का आरोप है कि शूट के बीच में नाना उनके नजदीक आए और उन्होंने उन्हें गलत तरीके से छूना शुरू कर दिया। तनुश्री ने कोरियॉग्रफर गणेश आचार्य पर भी नाना का साथ देने का आरोप लगाया और दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
तनुश्री दत्ता की तरफ से नाना पाटेकर और गणेश आचार्य पर आरोप लगाने के बाद यह मामला वायरल हो गया। अब तक इसकी जद में कई बड़े नाम आ चुके हैं। अधिकतर नाम बॉलीवुड से हैं। क्वीन फिल्म के डायरेक्टर विकास बहल, लेखक चेतन भगत, अभिनेता रजत कपूर, गायक कैलाश खेर, अभिनेता आलोक नाथ फिल्म इंडस्ट्री के कुछ ऐसे बड़े नाम हैं जिनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। इसके अलावा मोदी सरकार में मंत्री एम.जे. अकबर पर भी 8 महिला पत्रकारों ने अलग-अलग आरोप लगाए हैं। ये आरोप तब के हैं जब एम.जे. अकबर राजनीति में नहीं बल्कि पत्रकारिता में सक्रिय थे।