भगवाधारी सतपाल और कांग्रेस की मुश्किलें
राजीव थपलियाल
उत्तराखंड के पौड़ी से सांसद सतपाल महाराज का फूल प्रेम एक बार फिर जाहिर हुआ है। कभी कांग्रेस का पंजा छोड़कर तिवारी कांग्रेस की फूल चढ़ाती महिला का दामन थामने वाले सतपाल महाराज ने कमल का फूल लपक ही लिया। सतपाल महाराज की पत्नी काबीना मंत्री अमृता रावत पर पॉली हाउस घोटाले का आरोप लगाकर विधानसभा में हो-हल्ला मचाने वाली भाजपा ने भी बगैर किसी परहेज के उन्हें गले लगा लिया है। साफ है कि भाजपा सत्ता की सीढ़ी को मजबूत करने के लिए गुड़ खाकर गुलगुले से परहेज की नीति पर चल रही है। सतपाल महाराज के भाजपा में आने से पार्टी की राह बेहद आसान हो गई है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी बीसी खंडूरी अपनी साफ छवि और मोदी लहर के कारण जीत की पूरी उम्मीद में हैं, लेकिन उनके 1991 से लेकर अब तक के सबसे बड़े सियासी दुश्मन के भाजपा में आने से उनकी जीत पर अब किसी भी तरह की शंका नहीं रही।
मुख्यमंत्री हरीश रावत से लगातार नाराज चल रहे सतपाल महाराज के इस कदम की किसी को भनक तक नहीं थी, वैसे भी हरीश रावत ने पिछले माह श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सतपाल महाराज सहयोग तो देते हैं, लेकिन आशीर्वाद नहीं देते। उनके आशीर्वाद की पार्टी को जरूरत है। लेकिन सतपाल महाराज ने आशीर्वाद भी दिया तो अपने चिर राजनीतिक प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी भुवनचंद खडूरी को। सतपाल महाराज की हरीश रावत को दी गई इस पटखनी के बाद जहां कांग्रेस सरकार चारों खाने चित्त है, उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी के अंदर भी खलबली मची है। सतपाल महराज कांग्रेस के बडे़ क्षत्रप रहे हैं। दो बार पौड़ी से सांसद और एक बार केन्द्र में रेल राज्य मंत्री रह चुके महाराज की पत्नी अमृता रावत रामनगर से विधायक हैं और राज्य सरकार में उद्यान मंत्री भी। इसके अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष अनुसूइया प्रसाद मैखुरी भी महाराज के परम समर्थक हैं। बद्रीनाथ के विधायक राजेन्द्र भंडारी भी महाराज खेमे में हैं। थलीसैण के विधायक गणेश गोदियाल भी महाराज खेमे में गिने जाते हैं। हालांकि गोदियाल वक्त के हिसाब से अपनी चाल चलने वाले राजनीतिज्ञ हैं। पौड़ी के विधायक सुन्दरलाल मंद्रवाल भी सतपाल महाराज के करीबियों में गिने जाते हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार को समर्थन दे रहे पीडीएफ के अध्यक्ष मंत्री प्रसाद नैथानी सतपाल महाराज के एक शब्द पर कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। ऐसी स्थिति में हरीश सरकार पर खतरा मंडरा चुका है और उत्तराखंड मध्यावधि चुनाव की आशंका के बीच झूलने लगा है।
इसके अलावा हरिद्वार के प्रेमनगर में आश्रम चलाने वाले सतपाल महाराज के चेलों की फौज पूरे देश में है जो कि अब तक कांग्रेस के साथ थे जो अब भाजपा के वोट बैंक काप्रतिशत बढ़ाएंगे। सतपाल महाराज से जुडे विधायक और उनकी काबीना मंत्री पत्नी अमृता रावत को लेकर वह अपना अगला कदम क्या उठाते हैं यह अभी भविष्य की गर्त में हैं, लेकिन इतना तो तय माना जा सकता है कि महाराज समर्थक विधायक लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बेमन से काम करेंगे, जिसका सीधा-सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी को मिलेगा।