राजनीतिक और सामाजिक दबाव के बाद आखिर खुल ही गई बराला की पोल!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
चंडीगढ़: रसूखदार नेता की हनक काम नहीं आई। विपक्ष और जनसमूह के तल्ख तेवर ने अपना असर दिखाया और ना ना करते करते चंडीगढ़ पुलिस को विकास बराला के खिलाफ आखिरकार CCTV फुटेज मिल गया। इसे वर्णिका की ढिटाई कहिए, एक पिता की दिलेरी कहिए या सच की जीत। लेकिन नशे में धुत गुण्डों के खिलाफ सुबूत मिल ही गया, फिर भी दोनों अपने ब्लड और यूरीन सैम्पल को देने से बच रहें हैं। शायद जानते हैं कि सत्ता की डोर अब भी पापा के हाथ में है।
चंडीगढ के आईजी टी लुथरा ने पुष्टि की है कि दोनों आरोपियों ने चूंकि अपने सैम्पल देने से मना कर दिया है इसलिए उनके घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दी गई है। उन्हें समन जारी किया गया है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए आईजी ने कहा कि सब कुछ स्पष्ट है...हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है...न्याय होगा। हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं फिर भी किसी के पास कुछ और है तो हमें दे सकते हैं। बराला के पीए ने नोटिस की बात पर मुहर लगाई है।
हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास और उसके दोस्त के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। विकास को पहले भी हिरासत में लेकर छोड़ दिया गया था, जिसके बाद सरकार पर उसका बचाव करने के आरोप लगे थे। आरोपियों को लड़की का पीछा करने के तहत 354D और नशे में गाड़ी चलाने को लेकर मोटर व्हिकर एक्ट आईपीसी 185 के तहत मामला दर्ज हुआ था।
जिस रास्ते पर विकास पर लड़की की कार का पीछा करने की बात कही गई थी, उस पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी सामने नहीं आई थी। कहा जा रहा था कि हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बेटा होने की वजह से विकास को बचाया जा रहा है। फिलहाल पुलिस ने मामले से जुड़ी पूछताछ के लिए विकास को तलब किया है।
मंगलवार को सामने आई सीसीटीवी फुटेज में विकास अपनी एसयूवी ले लड़की की कार का पीछा करते दिख रहे हैं। इसी के बाद पहली बार हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष अपने बेटे पर लगे आरोपों पर सामने आकर बोले और पीड़िता को अपनी बेटी जैसा बताते हुए कहा कि कानून अपना काम करेगा। उन्होंने दावा किया था कि वह अपने बेटे और उसके दोस्त आशीष को बचाने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं बना रहे हैं।
इधर 'बेटा बचाओ' जुगत में लगे सिनियर बराला द्वारा आईएएस पिता विरेन्द्र कुंडु को कई बार कॉल किए जाने की भी खबर है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कुंडू ने माना है कि उन्हें एक अंजान नम्बर से कई बार कॉल किया गया...उन्होंने कॉल नहीं उठाई चूंकि वो अपने मोबाइल पर लगे कॉलरआई डी एप से जान गए थे कि ये फोन सुभाष बराला का ही है। कुंडु ने स्पष्ट किया है कि वो जानते हैं कि इस मसले की जद में उनकी नौकरी भी आएगी, लेकिन वो इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने बेटियों को ताकीद की है कि वो सजग रहें। हो सकता है कि बाहर घूमते हुए उनके पर्स में कोई नशीले पदार्थ का पैकेट ही डाल दे।
गुस्सा सड़कों पर और सोशल साइट पर इसलिए भी है क्योंकि आरोपी उस पार्टी से ताल्लुक रखता है जो बेटियों को बचाने, पढ़ाने का मंत्र देती है। लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुपी पर भी हैरान हैं। क्यों अब तक बराला से इस्तीफा नहीं मांगा गया? क्यों पार्टी के नेता लड़कियों के समय को लेकर सवाल खड़े कर रहें हैं। लाल किले की प्राचीर से जब उन्होंने अपने पहले भाषण में अपने बेटों के देर से आने को लेकर सवाल पूछने को कहा था तो करोड़ों को आशा थी कि महिला सुरक्षा को लेकर कुछ नया होगा। लेकिन तीन साल बाद भी हाल वही है और वर्णिका मामले ने देश के सत्ताधारी राजनीतिक दल के चाल-चरित्र की पोल खोल कर रख दी है।