दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 : 70 सीटों पर 8 फरवरी को मतदान, 11 को आएंगे नतीजे
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने आज दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। 8 फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग द्वारा तारीखों का ऐलान करने के साथ ही यहां आचार संहिता लागू हो गई। 21 जनवरी को नामांकन भरने की अंतिम तारीख है। 24 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। दिल्ली में कुल एक करोड़ 46 लाख वोटर हैं। यहां इस बार भी मुकाबला तीन दलों आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच है। 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिली थीं। भाजपा ने तीन सीटें जीती थीं। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल सकी थी। 2015 में चुनाव आयोग ने 12 जनवरी को दिल्ली चुनाव की घोषणा की थी, 7 फरवरी को मतदान हुआ था और 10 फरवरी को नतीजे आए थे।
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने काम के आधार पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी। आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए सकारात्मक अभियान चलाएगी, किसी के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम चुनाव आयोग की घोषणा का स्वागत करते हैं। ये चुनाव दिल्ली को विकास का अगुवा बनाने में मदद करेगा। मुझे उम्मीद है कि दिल्ली के सभी लोग वोट डालेंगे और नया रिकॉर्ड बनाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा- मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है। लिहाजा इससे पहले प्रदेश में एक नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे। इनमें 58 सामान्य और 12 आरक्षित सीटें हैं। देश में एब्सेंटी वोटर्स की व्यवस्था पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव से मिलने जा रही है। इसके तहत विकलांगों और 80 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के पास खुद पोलिंग बूथ जाकर वोट डालने के साथ-साथ बूथ पर न पहुंच पाने की स्थिति में पोस्टल बैलट के जरिए मतदान करने का भी विकल्प रहेगा। एब्सेंटी वोटर्स के लिए चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को सिफारिशें भेजी थीं। इस सिफारिश को मंजूर करते हुए विधि मंत्रालय ने अक्टूबर 2019 में निर्वाचन 1961 में संशोधन कर दिया था। इससे पहले तक सशस्त्र बलों के कर्मियों और चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के पास ही पोस्टल बैलट की सुविधा थी।
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि दिल्ली में जो फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित हुई है उसमें कुल 14692136 हैं। इसमें 80.55 लाख पुरुष वोटर हैं और 66.35 महिला वोटर हैं। 1 करोड़ 46 लाख 92 हजार 136 मतदाता 2689 स्थानों पर वोटिंग करेंगे। इसके लिए 13 हजार 757 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। चुनाव में 90 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए चुनाव आयोग ने खास इंतजाम किए हैं। चुनाव आयोग ने दिल्ली में विभिन्न जातियों के कितने वोटर हैं ये भी जानकारी दी है।
दिल्ली में वोटरों का जातीय समीकरण
ब्राह्मण- 12 फीसदी,
गुर्जर- 5 फीसदी,
यादव- 2 फीसदी,
पंजाबी खत्री- 10 फीसदी,
जाट- 7 फीसदी
राजपूत- 7 फीसदी
वैश्य- 8 फीसदी।
आप-भाजपा के बीच चुनौती
2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीट जीतकर एतिहासिक जीत दर्ज की थी। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी कि वह अपनी कितनी सीटें बचा पाएगी।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी मुख्य रूप से अपने पांच सालों में किए गए काम पर वोट मांग रही है। उसका कहना है कि उसने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी हर क्षेत्र में काम किया है और जनता इस बार उन्हें उनके काम पर वोट देगी। आम आदमी पार्टी को विश्वास है कि जिस तरह उसने दिल्लीवासियों को 20000 लीटर मुफ्त पानी, मुफ्त सफर, अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाएं दी हैं, जनता उन्हें दोबारा सत्ता में ले आएगी। वहीं भाजपा कच्ची कॉलोनियों की रजिस्ट्री, पीएम मोदी के नाम और सीएए के मुद्दे पर वोट मांग रही है। भाजपा को यकीन है कि कच्ची कॉलोनियों की रजिस्ट्री का दाव उसके लिए फायदेमंद हो सकता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
आम आदमी पार्टी को 54.30 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 67 सीटें मिली थी और भाजपा को 32.10 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीन सीटें मिली थी। कांग्रेस को 9.60 प्रतिशत वोट मिला था लेकिन वह एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो सकी थी। 89,36,159 वोटों के साथ चुनाव में कुल वोटों का प्रतिशत 67.10 रहा था।
दिल्ली लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे
भाजपा को 56.50 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सात सीटें मिली थी। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को क्रमश: 18.10 और 22.50 प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन दोनों दल एक भी सीट नहीं जीत पाए। 86,79,012 वोटों के साथ 60.6 प्रतिशत लोगों ने चुनाव में मतदान किया था।