सिंधिया को मंदसौर पहुंचने से पहले शिवराज ने रोका
सत्ता विमर्श ब्यूरो
इंदौर/मंदसौर: किसान आंदोलन और इस आंदोलन में जान गवां चुके किसानों को लेकर फिक्रमंद राजनीतिक दिग्गजों की आवाजाही सुर्खियां बटोर रही है। पीड़ित परिवार से मिलने की आस में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की कतार बढ़ती जा रही है। स्थिति की संवेदनशीलता का हवाला उन्हें रोकने की सारी कवायद भी राज्य सरकार की तरफ से हो रही है।इस बीच मंगलवार को सत्याग्रह पर बैठने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद छेड़ दिया। गुना से सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के खिलाफ धारा 151 में कार्रवाई की गई है।
इससे पहले सिंधिया को समर्थकों के साथ मंदसौर में प्रवेश करने से पहले ढोढर में पुलिस ने रोका था। इस दौरान कांग्रेस नेता ने कहा- धारा 144 लगा है तो मैंने पुलिस को कहा है कि अकेला जाऊंगा। कौन रोक सकता है अगर एक इंसान अकेले जाना चाहता है? सिंधिया से पहले पुलिस ने हार्दिक पटेल को हिरासत में लिया था। बाद में उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
72 घण्टे के सत्याग्रह पर बैठने से पहले सिंधिया ने इंदौर से मंदसौर के बीच एक रैली निकाली। उन्होंने सावर्जनिक मंच से लोगों को संबोधित भी किया। इसी क्रम में मंदसौर की ओर बढ़ते हुए उन्हें जरोरा बूथ पर हिरासत में ले लिया गया। इस दौरान उनके साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा भी थे। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नीमच-अजमेर हाइवे पर आवागमन को बाधित रखा। बाद में सिंधिया ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दिन बाद यहां आ सकते हैं तो देश के आम नागरिक को क्यों रोका जा रहा है?
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में मंदसौर में 5 किसान मारे गए थे। जिसके बाद किसान उग्र हो गए थे। किसानों ने विरोध में 100 से ज्यादा गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। यही नहीं एक पुलिस थाने को भी फूंक दिया था। बाद में एक और घायल किसान की मौत हो गई थी। जिसके बाद राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। सिंधिया के अलावा गुजरात के पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल भी पीड़ित परिवार से मिलने मंगलवार को मंदसौर जा रहे थे। हालांकि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया।
शिवराज बुधवार को मंदसौर जाएंगे
किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री बुधवार को मंदसौर जाएंगे। वह इस दौरान पीड़ित परिवारों और किसान नेताओं से मिल सकते हैं। राज्य में 10 दिन तक चले किसान आंदोलन में हुई हिंसा के दौरान मंदसौर में पुलिस की गोलीबारी से छह किसानों की मौत हो गई थी। इस हिंसा से व्यथित होकर मुख्यमंत्री चौहान भेल दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास पर भी बैठे थे लेकिन किसानों और पार्टी नेताओं के आग्रह पर उन्होने उपवास तोड़ दिया था।