'मूक' आंदोलनकारियों ने रोकी मुम्बई की रफ्तार, आरक्षण की मांगों के साथ सड़क पर मराठा समाज
सत्ता विमर्श ब्यूरो
मु्म्बई: खामोशी से राज्य सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए तकरीबन 5 लाख मराठा शहर की सड़कों पर हैं। इस महारैली से आज मुंबई महाजाम से जूझ रही है। सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण की मुख्य मांग के साथ मराठा समाज के लोग प्रदर्शन कर रहें हैं। मराठा समाज का यह मूक मोर्चा है। इसमें कोई नारेबाजी और भाषणबाजी नहीं है, ना ही इस मोर्चे में किसी राजनीतिक दल का बैनर है। बावजूद इसके मुंबई की रफ्तार थम सी गई है।
मराठा मोर्चा में शामिल होने के लिए मंगलवार से ही राज्य भर से लोग मुंबई पहुंचने शुरू हो गए थे। महाराष्ट्र के हर हिस्से से लोग मुंबई आ रहे हैं। मुंबई की तरफ आने वाले रास्तों पर बड़ी संख्या में भगवा झंडे लगाए हुए वाहन आते दिखाई दिए। मुंबई-पुणे और मुंबई-नासिक दोनों हाइवे पर मुंबई की ओर आने वाले यातायात में मंगलवार सुबह से ही रोज की अपेक्षा ज्यादा गाड़ियां दिखाई दीं। इसके अलावा मुंबई आने वाली बसों और ट्रेनों से भी लोग बड़ी संख्या में मुंबई पहुंच रहे हैं। खबर है कि मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान और अन्य प्रदेशों में बसे मराठा समाज के लोग भी मोर्चे में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंच रहे हैं।
#WATCH Mumbai: Visuals of #MarathaKrantiMorcha rally demanding reservation pic.twitter.com/zCozsaeOek
— ANI (@ANI) August 9, 2017
मराठा समाज ने पिछले साल 9 अगस्त को औरंगाबाद से इस तरह के मूक मोर्चे की शुरुआत की थी। उसके बाद राज्य भर में मराठा समाज के लोग अब तक 57 मोर्चे निकाल चुके हैं। इन मोर्चों के जरिए साल भर में सकल मराठा समाज को एक सूत्र में बांधने के बाद यह 58वां मोर्चा राजधानी मुंबई में सरकार को जगाने के लिए निकाला जा रहा है।
जिस तरह की तैयारी मोर्चे को लेकर की गई है और राज्य भर में जो माहौल बना है उसे देखते हुए आयोजकों का दावा है कि कम से कम 20 लाख लोग इस मोर्चे में हिस्सा ले सकते हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना ने मुंबई के नागरिक और पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा रखी है। सारा प्रशासन पिछले दो दिन से मोर्चे को बिना किसी गड़बड़ी के संपन्न कराने के लिए पसीना बहा रहा है।
मोर्चे के दौरान किसी अप्रिय और अप्रत्याशित घटना को रोकने के लिए शहर भर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस के खुफिया दस्ते पल-पल की खबर रख रहे हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बरती जा रही है। मुंबई में विधानसभा सत्र चल रहा है, गणपति उत्सव और स्वतंत्रता दिवस समारोह भी सिर पर है। ऊपर से मुंबई पर हर वक्त मंडराने वाले आंतकी हमले के डर के कारण पुलिस और खुफिया दस्तों को हर पल चौकन्ना रहने को कहा गया है।
मराठा अपनी बेकद्री को लेकर संवेदनशील हैं। उनकी कई मांगें हैं। नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के अलावा एट्रोसिटी कानून में संशोधन करके इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने, कृषि ऋण माफ कर किसान आत्महत्या को रोकने, कृषि उपज को ज्यादा समर्थन मूल्य देने और कोपर्डी बलात्कार कांड के दोषियों को फांसी दिए जाने को लेकर है।