जीएसटी के खिलाफ गुजरात के सूरत से यूपी के काशी तक कपड़ा व्यापारी हुए आंदोलित
सत्ता विमर्श ब्यूरो
सूरत/वाराणसी : वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी के खिलाफ सूरत में कपड़ा व्यापारियों का आंदोलन जारी है। बनारस में भी कारोबारियों ने कई दिनों से दुकानें बंद कर रखी हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में भी धीरे-धीरे आंदोलन जोर पकड़ रहा है। सूरत आंदोलन के संयोजक ताराचंद ने व्हाट्सअप संदेश के जरिये सबको संदेश भेजा कि अभी नहीं तो कभी नहीं। इसमें बताए गए कार्यक्रमों के अनुसार 14 जुलाई से 18 जुलाई के बीच सूरत के जेजे मार्केट के सामने भोजन प्रसादी होगा। इसमें व्यापारियों और कर्मचारियों के लिए भोजन की व्यवस्था होगी। क्योंकि हड़ताल के कारण मजदूरों की कमाई बंद हो जाती है। उन्हें खाने-पीने की दिक्कत न हो इसका इंतजाम किया गया है।
जीएसटी के लागू होने के बाद एक जुलाई से ही इसके विरोध में धरने पर बैठे ज्यादातर कपड़ा कारोबारियों ने शुक्रवार को सूरत में मूक मार्च निकाला। सूरत के कपड़ा कारोबारी जीएसटी में कपड़े पर लगने वाले 5 फीसदी जीएसटी का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी कारोबारियों ने सूरत के मुख्य कपड़ा मार्केट से 3 किलोमीटर लंबा मार्च निकाला। सरकार के फैसले के विरोध में सभी व्यापारियों ने अपने हाथ पर काली पट्टी भी बांध रखी थी। सूरत से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को चौक बाजार और रिंग रोड के 20,000 व्यापारियों ने रैली निकाली। 17 जुलाई को 35000 बाइकों के साथ एक रैली भी निकालने की योजना है।
जीएसटी संघर्ष समिति के संयोजक गौरव श्रीमाली का कहना है कि ये प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार कपड़े पर लगने वाले 5 प्रतिशत जीएसटी को वापस नहीं ले लेती है। श्रीमाली ने कहा, 'हमें जीएसटी के लागू होने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन सरकार ने कपड़े पर जो जीएसटी लगाया है उससे हमारे लागत में बढ़ोतरी होगी और इससे हमें आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।'
उधर, उत्तर प्रदेश के बनारसी साड़ी उद्योग में जीएसटी का विरोध कर रहे कारोबारियों ने लगातार तीसरे दिन भी अपनी दुकानें बंद रखी। इस विरोध में रेशम, जरी, कलाबत्तू के कारोबारी भी शामिल हुए। बंदी से साड़ी बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। चौक क्षेत्र में लक्खी चौतरा, रानी कुआं, नंदन साहू लेन, सत्ती चौतरा, कुंज गली, ठठेरी बाजार में साड़ी की दुकानें बंद रहीं। बड़ी बाजार, हनुमान फाटक, छित्तनपुरा, सलारपुरा, मदनपुरा, लोहता आदि इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं।
बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन व बनारस साड़ी डीलर एसोसिएशन की लगातार चल रही बैठकों में साड़ी कारोबार से जुड़े सभी व्यापारियों, बुनकरों, अंगडियों से बंद में सक्रिय भागीदारी की अपील की गई। एसोसिएशन के महामंत्री राजन बहल ने कहा कि कपड़ा पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाना उचित नहीं है। सरकार के इस फैसले से साड़ी व्यापारियों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि जब तक मांग नहीं मान ली जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।