मंदी पर मोदी के मंत्री जी का गजब तर्क, कहा- एक दिन में 120 करोड़ कमा रहीं फिल्में तो मंदी कहां है?
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारतीय अर्थव्यव्स्था में मंदी को लेकर अजीबोगरीब तर्क दिया है। उन्होंने आर्थिक मंदी को फिल्मों की कमाई से जोड़ते हुए कहा कि तीन-तीन फिल्में करोड़ों का कारोबार कर रही हैं, तो फिर देश में मंदी है कहां।
देश को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए आरबीआई ने सरकार को दिए रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये
अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती के बीच आबीआई ने केंद्र सरकार को लाभांश और सरप्लस फंड के मद से रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का निर्णय किया है। माना जा रहा है कि इस फंड से सरकार को लोककल्याणकारी योजनाओं की फंडिंग में मदद मिलेगी।
Slowdown से निपटने के लिए वित्त मंत्री ने किया ऐलान, बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये देगी सरकार
आर्थिक मंदी से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकें।
मौजूदा आर्थिक मंदी से नीति आयोग भी घबराया, राजीव कुमार बोले- 70 सालों में नहीं हुआ ऐसा
भारत की मौजूदा आर्थिक हालात से नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी घबरा गए हैं। उन्हें भी अब कहना पड़ रहा है कि सरकार के लिए यह अप्रत्याशित स्थिति है। पिछले 70 सालों में ऐसा नहीं देखा गया जब कोई किसी पर यकीन नहीं कर रहा है।
आईएमएफ ने आर्थिक वृद्धि दर धीमी रहने पर वैश्विक आर्थिक 'बंवडर' उठने की दी चेतावनी
आईएमएफ ने दुनिया भर की सरकारों को सावधान करते हुए आर्थिक वृद्धि उम्मीद से कम रहने पर उठने वाले बंवडर का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लगार्ड ने कहा, हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था को देख रहे हैं जो अनुमान से भी कम रफ्तार से वृद्धि कर रही है।
नोटबंदी पर राष्ट्रपति ने सरकार को किया आगाह; लंबे वक्त तक इंतजार नहीं कर सकते गरीब
राज्यों के राज्यपालों और उपराज्यपालों को अपने नववर्ष के वीडियो संदेश में राष्ट्रपति मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि नोटबंदी से निश्चित ही गरीबों की परेशानियां बढ़ी हैं। गरीब लंबे वक्त तक इंतजार नहीं कर सकते और उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है। संभव है नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ताकत मिलेगी, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी प्रभाव पड़ेगा। इससे अस्थायी आर्थिक मंदी की आशंका भी है।
नोट बदलने से आर्थिक मंदी का खतरा
नोट बदलने, करेंसी रद्द करने से आर्थिक मंदी की चपेट में देश क्यों आ सकता है, इस बारे में कहना चाहूंगा कि आपको दिल दिमाग खोलकर पढ़ना समझना पड़ेगा। थोड़ी देर के लिए मोदी विरोध या समर्थन को किनारे कर दीजिए। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश की बात करते हैं। यहां चुनाव करीब है। यहां हर दल के नेताओं/प्रत्याशियों ने पांच साल में जो सैकड़ों करोड़ का कैश इकट्ठा किया है ऐन केन प्रकारेण, वह आज की तारीक में रद्दी हो गया। ये वो पैसा था जिसे जनता तक जाना था, वोट खरीदने के लिए, एक-एक वोटर को पांच-पांच सौ या हजार हजार रुपये।
अर्थनीति : हम हैं दुनिया के भरोसे तो...
रुपया कब मजबूत होगा। इस सवाल के जवाब में जब हम भारतीय रुपये की मजबूती की कल्पना करते हैं तो शायद दिमाग में 64-65 का भाव अच्छा दिखता होगा। वजह ये कि जिस तेजी से रुपया डॉलर, पाउंड और दूसरी मुद्राओं के मुकाबले सरक रहा है उसमें हमें ये लगता है कि जहां है वहीं रुक जाए तो बात बन जाए। और, शायद भारत की सरकार भी कुछ ऐसा ही सोच रही है। इसी वजह से फिलहाल रुपये की मजबूती के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।