2019 के चुनावों के लिए कांग्रेस को एक साथ दो मोर्चों पर लड़ना होगा। पहला मोर्चा कांग्रेस के अंदर की कार्य-संस्कृति में आमूल-चूल बदलाव लाना और सहयोगी दलों के साथ एक समान विचारधारा के स्तर पर वैचारिक गठबंधन कायम करने का होगा। इसके अलावा कांग्रेस के लिए 2019 के संसदीय चुनाव में सत्ताधारी भाजपा के वर्तमान सामाजिक-आर्थिक नीतियों के बरक्स एक नई गांव-किसान पर आधारित आर्थिक नीतियों की जरूरत होगी।