यूक्रेन संकट: रूस पर फिर बढ़ा अमेरिकी दबाव
वाशिंगटन: यूक्रेन संकट पर एक बार फिर अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाने की कोशिश की है। अमेरिका चाहता है कि रूस जेनेवा में इसी सप्ताह संपन्न बैठक में यूक्रेन पर हुए चार पक्षीय समझौते का पालन करे। अमेरिका ने धमकी दी है कि अगर मॉस्को अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं करता तो उसके खिलाफ और प्रतिबंध लगाए जाएंगे। वहीं रूस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमेरिका उसके साथ उसी तरह व्यवहार कर रहा है जैसे किसी स्कूली बच्चे की गलती पर किया जाता है।
यह चेतावनी इसलिए दी गई है क्योंकि अमेरिका को लग रहा है कि रूस अंतर्राष्ट्रीय समझौते का पालन ठीक से नहीं कर रहा है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि पूर्व सोवियत गणराज्य में मास्को समर्थित विद्रोहियों ने हटने से इंकार कर दिया है। जबकि अंतरराष्ट्रीय समझौते में सरकारी परिसरों से कब्ज़ा हटाने की बात कही गई है।
इससे पहले सभी पक्षों ने यह फ़ैसला लिया कि सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को माफ़ी दे दी जाएगी। लेकिन दोनेत्स्क शहर में अलगाववादियों के प्रवक्ता ने कहा कि कीफ़ सरकार 'अवैध' है और जब तक यह सत्ता नहीं छोड़ती तब तक उन्होंने यह जगह न छोड़ने की क़सम खाई है।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुजैन राइस ने संवाददाताओं को बताया, ‘आने वाले दिनों में मुझे लगता है कि हमारे पास यह देखने का अवसर होगा कि क्या रूस इसे कर सकता है और क्या वह इस करार को बनाए रखेगा।’
उन्होंने बताया, ‘हम इस बात नजर भी बनाए हुए हैं कि रूस संयम बरतने तथा अपने हथियारबंद लोगों को वहां की इमारतों तथा उन जगहों से वापस बुलाने की अपनी जिम्मेदारी का पालन करता है या नहीं जहां उन्होंने कब्जा कर रखा है। राइस ने कहा कि हम देख रहे हैं कि रूस इस मसले पर क्या जवाब देता है। इससे पूर्व रूस ने अमेरिका की चेतावनी पर बेहद कड़ाई से अपनी प्रतिक्रिया दी थी।
इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा है कि देश के पूर्वी हिस्से में चलाए जा रहे 'आतंकवाद निरोधक अभियान' को ईस्टर के दौरान स्थगित किया जाएगा। (एजेंसियां)