NEET के खिलाफ लड़ने वाली छात्रा अनीथा की मौत के बाद तमिलनाडु में प्रदर्शन
सत्ता विमर्श ब्यूरो
चेन्नई : नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट के खिलाफ जंग को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाने वाली 17 वर्षीय दलित लड़की अनीथा के कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद पूरे तमिलनाडु में प्रदर्शन शुरू हो गया है।
खबरिया चैनलों के मुताबिक चेन्नई में विपक्षी पार्टियों के करीब 1500 कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया है। इन सभी ने राज्य की पलानीसामी सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि सरकारें तमिलनाडु को इस परीक्षा से छूट नहीं दिला पाईं। इतना ही नहीं, करीब 14 छात्र इसके विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर भी बैठ गए हैं।
नीट की जंग लड़ने वाली दलित छात्रा जब जीवन से हारी
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहस करने वाली तमिलनाडु के अरियालुर जिले की दलित लड़की अनीता ने आत्महत्या कर ली। अंग्रेजी अखबार द हिंदू के मुताबिक, अनीथा ने कुझुमुर गांव में स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या की। दिहाड़ी मजदूर की 17 वर्षीय बेटी अनीथा ने तमिलनाडु स्टेट बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 1200 में से 1176 नंबर पाये थे जिसके आधार पर उसका दाखिला एमबीबीएस में हो जाता लेकिन नीट परीक्षा के चलते ऐसा संभव नहीं हुआ। नीट की परीक्षा में अनीथा को केवल 86 नंबर ही मिले थे। गौरतलब है कि पिछले साल तक तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेज में दाखिल 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर हो जाता था। हालांकि नीट परीक्षा का आयोजन केंद्र सरकार ने पिछले साल भी किया था लेकिन तब तमिलनाडु को इससे छूट मिल गई थी। इस साल भी तमिलनाडु सरकार ने अध्यादेश लाकर नीट परीक्षा से बाहर होने का प्रयास किया था लेकिन 22 अगस्त को सुप्रीट कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए तमिलनाडु सरकार को नीट के तहत मेडिकल काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि काउंसलिंग प्रक्रिया 4 सितंबर तक पूरी हो जानी चाहिए। इसके बाद केंद्र ने भी कहा था कि इस मामले में तमिलनाडु को छूट नहीं जा सकती है। इससे पहले केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को इस पर राहत देने की बात कही थी। लेकिन बाद में केंद्र अपने इस बयान से पीछे हट गई।
खबरों के अनुसार, तमिल राष्ट्रवादी संगठन नाम तालीमार काट्ची और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसे संगठन नीट के खिलाफ चेन्नई और त्रिची की सड़कों पर उतर आए हैं। सुपरस्टार रजनीकांत और कमल हसन ने भी अनीथा की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। रजनीकांत ने ट्विटर पर लिखा, ‘अनीथा के साथ जो भी हुआ वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस कदम को उठाने के पहले उस पर क्या बीत रही होगी मैं उस दर्द को समझ पा रहा हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है।’
इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने अनिता के परिजनों को सात लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। एआईएडीएमके नेती टीटीवी दिनाकरन ने अनीथा की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘मैं हैरान हूं कि हम सबकी प्यारी बेटी ने नीट के खिलाफ संघर्ष करते हुए आत्महत्या कर ली।’ अनीथा के परिजन, रिश्तेदार और गांव वालों ने भी राज्य और केंद्र को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।