EVM में गड़बड़ी पर बढ़ा विवाद, बचाव में उतरा चुनाव आयोग
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : 2017 के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद बसपा प्रमुख मायावती और पंजाब में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग उठा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में चुनाव आयोग को चरणबद्ध तरीके से ईवीएम में पेपर ट्रायल लागू करने का आदेश दिया था। भाजपा समेत सभी दलों के नेता अलग-अलग समय पर ईवीएम की सुरक्षा पर संदेह जता चुके हैं। तो क्या यह सवाल मौजू नहीं कि वाकई ईवीएम में छेड़छाड़ संभव है?
ईवीएम से हो सकता है वोटों में उलटफेर
जानकार यह दावा करने से नहीं चूक रहे कि ईवीएम में अगर ब्लूटूथ कनेक्शन वाली छोटी सी चिप को लगा दिया जाए तो इसे मोबाइल के जरिए हैक कर वोटों में उलटरफेर किया जा सकता है। हालांकि इस दावे को चुनाव आयोग लगातार खारिज कर रहा है। ईवीएम से छेड़छाड़ की बात तो खास तौर पर अरविंद केजरीवाल 2014 के लोकसभा चुनाव से करते आ रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत और बसपा की ऐतिहासिक हार के बाद मायावती भी तिलमिला गईं और उन्होंने भी ईवीएम को निशाना बनाया।
भिंड में ईवीएम के डेमो में निकली गड़बड़ियां
केजरीवाल और मायावती की बात तब और पुष्ट हो गई जब शुक्रवार को मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ और अटेर विधानसभा सीट पर उपचुनाव से पहले ईवीएम के डेमो के दौरान कोई भी बटन दबाने पर कमल निशान को वोट जाने की बात सामने आई। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने वीवीपेट (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीन का पत्रकारों के सामने डेमो किया। इसमें वोट के लिए बटन दबाने पर पर्ची भी निकलती है। डेमो के लिए अधिकारी ने 4 अलग-अलग बटन दबाए, लेकिन पर्ची निकली तो पता चला कि तीन बटन से वोट कमल निशान (भाजपा) को गया और एक हाथ निशान (कांग्रेस) गया।
आखिर क्यों नपे कलेक्टर सहित 19 अफसर?
चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के भिंड में जिला निर्वाचन अधिकारियों से मीडिया में आ रहीं उन खबरों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिनमें कहा जा रहा है कि डेमो के दौरान वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) से केवल भाजपा के निशान वाली पर्चियां ही निकल रहीं थीं। उधर, मध्य प्रदेश की निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने मीडिया में आई खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा, डेमो के दौरान ईवीएम मशीन में केवल दो ही बटन दबाए गए। पहला मैंने दबाया, जिससे कमल (भाजपा का निशान) का चिह्न आया और दूसरा वहां मौजूद किसी और व्यक्ति ने दबाया जिससे हाथ का पंजा (कांग्रेस का निशान) आया। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने भिंड के कलेक्टर, एसपी सहित 19 अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है।
कांग्रेस और आप ने आयोग से की शिकायत
मध्य प्रदेश में ईवीएम मशीन में कोई भी बटन दबाने पर बीजेपी को वोट जाने की खबर के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की बजाय बैलेट पेपेर से चुनाव कराने की मांग की है। शनिवार को दोनों ही पार्टियों ने चुनाव आयोग जाकर इस घटना की शिकायत की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग का यह दावा गलत है कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। मशीनों का सॉफ्टवेयर बदला गया है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के कीचड़ से तो कमल ही निकलेगा। चुनाव आयोग को अपनी मांग से अवगत कराने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मुझे शुरू से ही ईवीएम पर भरोसा नहीं। जब सारे विश्व में चुनाव बैलेट पेपर से हो रहे हैं तो हमें क्या ऐतराज होना चाहिए? ईवीएम की चिप विदेशों से मंगाई जाती है, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। अगला चुनाव जहां भी हो बैलेट पेपर से ही हो। भले ही चुनाव में कुछ देरी हो जाए।' दिग्विजय सिंह ने लाल कृष्ण आडवाणी, मायावती और अरविंद केजरीवाल का भी जिक्र किया, जो ईवीएम में गड़बड़ी की बात पहले भी कह चुके हैं।
ईवीएम टेंपर हो सकती हैं और हो रही हैं : केजरीवाल
चुनाव आयोग में शिकायत के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'हम बार-बार कह रहे हैं कि ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ की जा रही है। मध्य प्रदेश में जो हुआ वह रोंगटे खड़े करने वाली बात है। सवाल उठता है कि क्या देश में चुनाव निष्पक्षता से हो रहे हैं? अब लोग वोट डाल रहे हैं कि मशीनें? असम में भी ऐसा हुआ था। यदि हम कहते हैं कि मशीन खराब हो सकती हैं तो कभी सभी वोट कांग्रेस या समाजवादी पार्टी को भी तो जाए। ऐसा कैसे हो सकता है कि मशीन खराब होगी तो भाजपा को ही वोट जाएगा। मैं भी तो टेक्नॉलॉजी को जानता हूं। आईआईटी से पढ़ा हूं। चुनाव आयोग कहता है कि छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यह गलत है। मशीनें टेंपर हो सकती हैं और हो रही हैं।'
हार का ठीकरा ईवीएम पर न फोड़े आप : चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनाव में ईवीएम से छेड़छाड़ के आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। चुनाव आयोग ने आप के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आयोग मशीन की टेंपर प्रूफ फंक्शनिंग से पूरी तरह संतुष्ट है। वोटिंग मशीन से किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है। चुनाव आयोग ने आप को लताड़ लगाते हुए कहा कि पार्टी द्वारा पंजाब चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए EVM में कथित गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराना बहुत गलत हरकत है। इसकी जगह पार्टी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि वह राज्य विधानसभा चुनाव में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन क्यों नहीं कर पाई।