जयंत की बात पर यशवंत का करारा जवाब, कीन्स की दिलाई याद
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बेटे जयंत सिन्हा पिता यशवंत सिन्हा की बातों का जवाब देने की कोशिश में रत हैं तो वहीं दूसरी ओर पिता भी बेटे की हर डिलीवरी को बखूबी हिट कर रहें हैं। पिता के लेख के जवाब में बेटे और केन्द्र सरकार में मंत्री जयंत सिन्हा ने टाइम्स ऑफ इंडिया में अपना और सरकार का पक्ष रखा तो पिता ने उसके विरोध में सुर उठाने में देरी नहीं की।
यशवंत सिन्हा ने विमुद्रीकरण और जीएसटी को एक बार फिर देश के लिए खतरनाक करार दिया है। उन्होंने कहा- जब देश की अर्थव्यवस्था इतनी नाज़ुक हो तो हमें जीएसटी के बारे में नहीं सोचना चाहिए था। विमुद्रीकरण का प्रभाव कम हुआ नहीं था कि हमने जीएसटी के जरिए एक नया झटका दे दिया। उन्होंने कहा है कि लम्बी अवधि की बात होती है लेकिन फिर मुझे कीन्स की याद आती है। जो कहते थे- long run में हम सब मर जायेंगे।
40 महीने बाद यूपीए को दोष ना दे सरकार
सिन्हा ने वर्तमान में हो रही कमियों या नाकामयाबियों का ठीकरा पूर्व की यूपीए सरकार पर ना डालने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा जो हम उस समय कहते थे कि अर्थव्यवस्था को लकवा मारा गया है। बैंक कर्जदार हो रहें हैं इसमें सुधार किया जाना चाहिए...तब मुझे लगता था कि हमारी सरकार आएगी तो हालात बेहतर होंगे। लेकिन हमने आवश्यक गति के साथ काम नहीं किया और इसके लिए हम पहले की सरकार को दोषी नहीं मान सकते। 40 महीने बाद हम पूर्व की सरकार को दोष नहीं दे सकते।
सरकार को लताड़ा
सिन्हा वर्तमान सरकार की नीतियों से बेहद नाराज हैं। उन्होंने सरकारी की आर्थिक नीतियों पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने बद्तर होते बैंक के हालात का जिक्र किया। कहा- सबसे पहला काम इस सरकार को बैंकों की हालत सुधारने का करना चाहिए था, जिसका इंतजार हम लोग अभी तक कर रहें हैं।
जीएसटी का पक्षधर रहा मैं
यशवंत सिन्हा बोले कि मैं बीजेपी में जीएसटी का सबसे बड़ा पक्षधर रहा हूं, उस समय मैं उस कमेटी में था। जब गुजरात सरकार के विरोध के बावजूद मैंने जीएसटी के काम को आगे बढ़ाया। आज जो लोग जीएसटी को आजादी के बाद का सबसे बड़ा रिफॉर्म बता रहे थे, उस समय वो कहीं पर भी नहीं थे। 1 जुलाई से जीएसटी को लागू करने का कोई फायदा नहीं हुआ है, 1 अप्रैल से लागू करते तो काफी अच्छा रहता। ऐसा नहीं है कि सरकार को लकवा मार गया है फैसले हो रहे हैं। सरकार में कन्फ्यूज़न की स्थिति है, कल्याण की योजनाओं के अलावा भी कई और सुधार करने होंगे। बैंक के एनपीए को लेकर को बड़ा फैसला लेना होगा।
राजनाथ और पीयूष मुझसे ज्यादा जानते हैं
सिन्हा ने गृहमंत्री और रेलमंत्री पीयूष गोयल को भी आड़े हाथों लिया। कहा- हो सकता है आर्थिक हालात को लेकर राजनाथ और पीयूष मुझसे बेहतर जानते हों, शायद इसलिए वो लोग इसे हमारी अर्थव्यवस्था को दुनिया का मेरुदण्ड मान रहें हैं। लेकिन मैं नम्रता के साथ कहूंगा कि उनकी इस बात से सहमत नहीं हूं।
सुनिए क्या है यशवंत सिन्हा की राय:
WATCH: Senior BJP leader Yashwant Sinha speaks to ANI on his op-ed https://t.co/WzKt7OsU4Z
— ANI (@ANI) September 28, 2017