टीवी चैनलों पर राहुल के इंटरव्यू प्रसारण से मचा हंगामा, भाजपा और कांग्रेस में छिड़ी सियासी जंग
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली/अहमदाबाद : गुजरात में दूसरे व अंतिम चरण के चुनाव से ठीक पहले गुजराती टीवी चैनल समेत करीब आधा दर्जन न्यूज चैनलों पर राहुल गांधी का इंटरव्यू प्रसारित किये जाने को लेकर कांग्रेस और भाजपा में वाकयुद्ध शुरू हो गया है। भाजपा के इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत करने के बाद कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। साथ ही इंटरव्यू का प्रसारण करने वाले न्यूज चैनलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
चुनाव आयोग ने इन तमाम इंटरव्यू को प्रथम दृष्टया चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना है और इसके लिए राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस भी भेजा है। कई गुजराती चैनलों द्वारा साक्षात्कारों के प्रसारण के बाद विवाद शुरू होने के बीच भाजपा ने आरोप लगाया कि वह गुजरात चुनाव में हार के भय से इतने हताश हो गए हैं कि उन्होंने राज्य में अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले मीडिया को साक्षात्कार देकर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और अन्य भाजपा नेताओं पर राहुल गांधी के इंटरव्यू के प्रसारण को लेकर पत्रकारों को धमकी देने का आरोप लगाया तथा चुनाव आयोग से उनके खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया। गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी.बी. स्वैन ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग को इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी। भाजपा ने आरोप लगाया कि इंटरव्यू का प्रसारण आचार संहिता का साफ उल्लंघन है। स्वैन ने कहा, ऐसे नियम और दिशानिर्देश हैं जिसके तहत 48 घंटे पहले खास चुनाव संबंधी सामग्री के टीवी प्रसारण पर रोक है। लेकिन हम इसे पूरी तरह से रोक वाला आदेश (गैग आर्डर) नहीं कह सकते हैं।
इस बीच प्रदेश भाजपा के एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हमने ई-मेल के जरिए चुनाव आयोग और गुजरात के मुख्य निर्वाचन आयोग को तीन शिकायतें की हैं। ये शिकायतें मंगलवार और बुधववार को की गयीं। उन्होंने कहा कि उन्हें कल ही जानकारी मिली थी कि इस प्रकार के साक्षात्कारों का प्रसारण होने वाला है। उन्होंने कहा कि हमने तत्काल कार्रवाई की मांग की थी लेकिन साक्षात्कारों का प्रसारण हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि इन साक्षात्कारों में राहुल ने गुजरात के बारे में चर्चा की है जो धारा 126 का स्पष्ट उल्लंघन है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इन साक्षात्कारों पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए।
गोयल ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस काफी डर गई है और राहुल गांधी अपना चेहरा बचाने के लिए बेचैन हैं इसलिए उन्होंने इंटरव्यू देकर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया। हम समझते हैं कि चुनाव के लिए अंतिम चरण के मतदान से 48 घंटे पहले ऐसे साक्षात्कार की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हमने ऐसा साक्षात्कार कभी नहीं दिया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि गुजरात के कुछ भाजपा नेता चुनाव आयोग के नाम पर टीवी चैनलों के खिलाफ मामला चलाने के लिए धमका रहे हैं।
उन्होंने कहा, हम भाजपा और उसके नेताओं के दंभपूर्ण व्यवहार, उनके असंवैधानिक रवैये की कड़ी भर्त्सना करते है। हम भाजपा को आगाह करते हैं कि वे मीडिया पर इस तरह का प्रतिबंध नहीं थोप सकते हैं क्योंकि देश में अभी तक लोकतंत्र का शासन है। सुरजेवाला ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि हम चुनाव आयोग से अनुरोध करते हैं कि वह इस तरह की धमकियों का संज्ञान ले और भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करे।
यह पूछे जाने पर पत्रकारों को कौन धमकी दे रहा है, तो उन्होंने कहा कि हम आधिकारिक रूप से यह कहना चाहते हैं कि गुजरात के मुख्यमंत्री और गुजरात के भाजपा प्रमुख टीवी चैनलों को फोन कर रहे हैं और उन्हें धमका रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा है कि साक्षात्कार प्रसारित करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। सुरजेवाला ने कहा कि यह तय करना चुनाव आयोग का काम है कि आचार संहिता का उल्लंघन हुआ या नहीं। लेकिन भाजपा नेता इसे लेकर किसी को धमका नहीं सकते हैं।
टीवी चैनलों को दिए इंटरव्यू में राहुल ने क्या कहा?
दूसरे दौर के मतदान से ठीक एक दिन पहले राहुल गांधी ने आधा दर्जन टीवी न्यूज चैनलों को दिए इंटरव्यू में भाजपा की ओर से लगाए गए कई आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, गुजरात का चुनाव एकतरफा होने वाला है और कांग्रेस की जीत होगी। राहुल ने कहा, 'कांग्रेस नेताओं ने मुझे गुजरात में ज्यादा कैंपेन करने को मना किया था लेकिन मुझे काम में रूचि है, परिणाम में नहीं। गीता में लिखा हुआ है काम करो, फल की चिंता मत करो, मैं गीता के उन्ही पंक्तियों को मानता हूं। कांग्रेस पार्टी एक पुरानी विचारधारा वाली पार्टी है और सबको साथ लेकर चलती है।' भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि गुजरात में भाजपा के पास कोई विजन नहीं है। पीएम मोदी गुजरात की जनता के सामने कोई विजन नहीं रख पाए। चुनावी रैलियों में पीएम मोदी या तो अपनी बात करते रहे या फिर कांग्रेस के बारे में बोलते रहे। गुजरात के लिए उन्होंने कुछ नहीं कहा। राहुल ने कहा, गुजरात चुनाव राहुल और मोदी के बीच नहीं देखा जाना चाहिए। ये चुनाव गुजरात के लोगों के लिए और उनके विकास के लिए है। ये चुनाव गुजरात की आवाम, किसान, नौजवान और महिलाओं के मुद्दों के लिए है।
राहुल ने कहा कि पिछले चार महीने से गुजरात के लोगों के बीच हूं और पिछले कुछ दिनों में गुजरात के लिए मैंने दिल से काम किया है। मैंने वहां के लोगों से बातचीत की। मैंने प्यार से लोगों को गले लगाया, जो सुना वहीं बोला। सूरत के व्यापारियों की बात हो या आदिवासियों की जो सुना वही बोला। इसके बाद से भाजपा डर के मारे घबरा सी गई है। साक्षात्कार में राहुल ने इस सवाल को भी सिरे से खारिज कर दिया कि यदि कांग्रेस खराब प्रदर्शन करती है तो इसे उनपर जनमत संग्रह माना जाएगा। राहुल ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने की भी मांग की। प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा को गुजरात में हराने के लिए मनमोहन सिंह पर पाकिस्तानी राजनयिकों के साथ बैठक करने का आरोप लगाया था। राहुल ने कहा, 'यह गलत है। यदि मोदी जी प्रधानमंत्री हैं तो मनमोहन सिंह जी भी प्रधानमंत्री थे। उन्होंने अपना जीवन देश को समर्पित किया। यह अस्वीकार्य है। स्पष्ट तौर पर मोदी जी को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने जो भी कहा वह गलत है। राहुल ने कहा कि वह प्रधानमंत्री पर निजी हमलों में शामिल नहीं हुए हुए, हालांकि प्रधानमंत्री ऐसा रोज करते रहे। उन्होंने कहा, 'भाजपा और मोदीजी मेरे खिलाफ आक्रामक हमले करते रहे। लेकिन मैंने इसका जवाब नहीं दिया, क्योंकि मैं इस पर ध्यान नहीं देता।'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया। वह प्रधानमंत्री और कांग्रेस के लिए अस्वीकार्य है। इस पर पूर्व सांसद के खिलाफ निलंबन की तुरंत कार्रवाई की गई। राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। वह इसे फिर से हासिल कर सकेंगे, ऐसा मुश्किल दिख रहा है।' राहुल ने कहा, 'युवाओं ने मोदीजी में विश्वास जताया था। लेकिन उन्होंने विश्वास तोड़ दिया। उन्होंने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। लेकिन वे अब इस बारे में बात नहीं करते हैं। वह भ्रष्टाचार के बारे में भी एक शब्द नहीं बोलते हैं।' राहुल ने कहा, 'आप ने देखा होगा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह और फ्रांस से राफेल सौदे की खबरों के सामने आने के बाद उन्होंने एक शब्द नहीं बोला।
राहुल गांधी ने भाजपा पर अपनी छवि बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कोई मेकओवर नहीं कराया है। भाजपा उनसे नहीं गुजरात के लोगों की आवाज से भयभीत है। राहुल गांधी ने कहा, कोई मेकओवर नहीं किया, राहुल गांधी की सच्चाई को भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा विकृत किया जा रहा है। मैं सच बोलता हूं और सच सामने आ रहा है। गुजरात के चुनाव व चुनाव प्रचार के बारे में बात करने पर राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव में वह या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहम नहीं हैं, बल्कि गुजरात के लोग अहम हैं। उन्होंने कहा, मैं कौन हूं, मैंने बीते तीन महीनों में सिर्फ गुजरात के बारे में बात की है। चुनाव में अहम बात राहुल गांधी या नरेंद्र मोदी नहीं हैं, गुजरात के लोग हैं। वे (भाजपा) राहुल गांधी से भयभीत नहीं हैं, वे गुजरात के लोगों की आवाज से भयभीत हैं। नेहरू-गांधी परिवार पर टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री के लिए कोई घृणा महसूस नहीं होती। मोदी जी ने ही उनकी सबसे ज्यादा मदद की है। मैं उनसे कैसे घृणा कर सकता हूं। नेहरू-गांधी परिवार पर की गई टिप्पणी पर जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, यदि आप देश के इतिहास व धर्म को देखें तो पाएंगे कि घृणा का जवाब प्रेम से दिया गया है। मेरे अंदर कोई घृणा या नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा, यह हमारे परिवार के स्वभाव में है। शायद महात्मा गांधी ने हमारे परिवार को यही सिखाया था।