राहुल ने बजट पर कसा तंज, कहा- ये आखिरी जुमला बजट तो भाजपा ने कहा- आप नहीं समझोगे
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : मोदी सरकार के अंतरिम बजट को विपक्ष जहां चुनावी बजट बताकर उसकी आलोचना कर रहा है, वहीं भाजपा और कांग्रेस में ट्विटर वार छिड़ गया है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार के अंतरिम बजट को ‘आखिरी जुमला बजट’ बताया तो भाजपा ने उसके जवाब में कहा कि जैसी कि उम्मीद थी, आप इस बजट को नहीं समझ सके।
राहुल गांधी ने ट्विटर पर #AakhriJumlaBudget के साथ मोदी को संबोधित करते हुए लिखा, आपकी आयोग्यता और अहंकार के पांच सालों ने हमारे किसानों का जीवन तबाह कर दिया। उन्हें 17 रुपये प्रतिदिन देना उन सब चीजों का अपमान करना है जिसके लिए वे खड़े हैं और मेहनत करते हैं। इसके जवाब में भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राहुल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा गया, जैसी कि उम्मीद थी, आप बजट की बारीकियों को नहीं समझ पाए। किसानों को 6000 रुपये देना उनकी आय नहीं है, बल्कि उनकी आय में अतिरिक्त राहत है। इसके साथ ही उनके कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आश्चर्य है कि आपने 70 पैसा प्रति घंटा नहीं ट्वीट किया। यह और अधिक राहुल गांधी की तरह की बात होती।
Dear NoMo,
5 years of your incompetence and arrogance has destroyed the lives of our farmers.
Giving them Rs. 17 a day is an insult to everything they stand and work for. #AakhriJumlaBudget
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2019
उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी बजट का मजाक उड़ाते हुए कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि यह बजट वित्त अधिकारियों द्वारा तैयार किया जा रहा था या आरएसएस द्वारा? इस बजट में नरेंद्र मोदी ने किसानों को कॉटन कैंडी यानी बुढ़िया का बाल थमा दिया है। जब हमने किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी तब प्रधानमंत्री ने इसे लॉलीपॉप कहकर मजाक उड़ाया था। यह बजट भाजपा के मित्रों ने तैयार किया है।
भाजपा से हाल ही में अलग हुईं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने केंद्रीय बजट को लोगों को गुमराह करने वाला जुमला करार दिया। उपेंद्र कुशवाहा ने आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट पूर्णत: युवा विरोधी एवं किसानों को गुमराह करने वाला चुनावी भाषण है। उधर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी बजट भाषण को चुनावी भाषण बताते हुए कहा कि इसमें जितने भी प्रस्ताव दिए गए हैं, वह चुनावी जुमला है।
राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस पार्टी ने भी अंतरिम बजट को भाजपा का चुनावी घोषणापत्र करार दिया और कहा कि मोदी सरकार के प्रदर्शन के रिपोर्ट कार्ड को मुहैया कराए बगैर यह लोकसभा चुनाव के लिए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से कहा, आज का बजट भाजपा का चुनावी घोषणापत्र है। यह और कुछ नहीं बल्कि मतदाताओं को घूस देने का प्रयास है और बजट की यह पूरी कवायद आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है।
आप ने बजट को बताया मोदी सरकार का आखिरी 'जुमला'
आम आदमी पार्टी (आप) ने 2019-20 के अंतरिम बजट को मोदी सरकार का 'आखिरी जुमला' बताया। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, मोदी सरकार का आखिरी जुमला : इसके अंतरिम बजट ने भी दिल्ली को पूरी तरह से निराश किया। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि पांच सालों में कोई काम नहीं करने के बाद मोदी सरकार जुमलों के विस्फोट के साथ सामने आई है। मीडिया से बातचीत में आप नेता राघव चड्ढा ने कहा, देश में मौजूदा बेरोजगारी दर बीते 45 सालों के सबसे उच्च स्तर पर है, फिर भी आज संसद में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई कि कैसे नौकरियां बढ़ाई जा सकती हैं। आप ने किसानों को पर्याप्त धन नहीं देने को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया। किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के मकसद के साथ पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री फंड स्कीम के तहत दो हक्टेयर जमीन वाले किसानों को सीधे तौर पर 6000 रुपये वार्षिय आय की सहायता दिए जाने की घोषणा की है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि एक लीटर पानी की बोतल की कीमत 20 रुपये है, जिसकी महीने की कीमत 600 रुपये होती है। लेकिन, सरकार किसानों को सिर्फ 500 रुपये दे रही है।
अंतरिम बजट भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र : ममता
अंतरिम बजट प्रस्तावों को पूरा करने के लिए आर्थिक प्रावधानों पर चिंता जताते हुए, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट को 'तमाशा' और 'भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र' बताया। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, बजट प्रस्तावों को लागू नहीं किया जा सकेगा। नई सरकार बजट पेश करेगी। इस सरकार की अंतिम तिथि एक माह में पूरी हो जाएगी। एक माह में वे क्या लागू करेंगे। उन्होंने कहा, चुनावों के पहले 'अंतरिम बजट' का कोई भविष्य नहीं है। बनर्जी ने कहा, कोई भी देश की वित्तीय हालात को नहीं जानता है। अगर हम सही से इसका अर्थ निकालें तो, यह स्पष्ट है कि हमारे देश में आर्थिक आपातकाल चल रहा है। हमारी चिंता है कि कहां से पैसा आएगा? कैसे पैसे का प्रबंध होगा। बनर्जी ने कहा, वे लोग झूठ बोल रहे हैं और लोगों को धोखा दे रहे हैं..यह बजट एक तमाशा है और भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र लोगों को धोखा देने के लिए है। उन्होंने कहा कि केंद्र के बजट में मनरेगा के लिए अतिरिक्त राशि नहीं दी गई है और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए आवंटन में बढ़ोतरी नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छ भारत मिशन परियोजना के लिए 25 प्रतिशत कम आवंटन किया गया और कौशल विकास योजना के लिए आवंटित निधि कम है। उन्होंने कहा, एससी/एसटी आवंटन में भी 29 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा, "सरकार को पूरे वर्ष का बजट पेश करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि चुनावों के बाद यह सरकार सत्ता में नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह निश्चित ही महत्वहीन है। उन्होंने इस बजट की घोषणा पहले क्यों नहीं की और उन्होंने क्यों नहीं किसानों के लिए एक एजेंडे की घोषणा की?
खाद की बोरी से 'चोरी' 6 हजार लौटाना चाहती है भाजपा : अखिलेश
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो अलग-अलग ट्वीट कर केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर तंज कसा। उन्होंने कहा, खाद की बोरी से पांच सालों में 5-5 किलो 'चोरी' कर जो निकाला है, भाजपा अब उसी को 6000 रुपये बनाकर वापस करना चाहती है। अगले चुनाव में किसान बोरी की चोरी करने वाली भाजपा का बोरिया-बिस्तर बांध देगी। अखिलेश यादव ने अपने पहले ट्वीट में कहा, एक साल के बजट में दस साल आगे की झूठ बात है। बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों को इसमें कुछ भी राहत नहीं है। पांच सालों की प्रताड़ना और पीड़ा के बाद किसान, व्यापारी-कारोबारी, बेरोजगार युवा अब भाजपा से मुक्ति चाहते हैं, दिखावटी ऐलान नहीं। अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, केंद्र की भाजपा सरकार ने पिछले पांच सालों में 5-5 किलो करके खाद की बोरियों से जो निकाला है, चोरी की है, अब उसी को वो 6000 रुपये बनाकर सालभर में वापस करना चाहती है। भाजपा ने दाम बढ़ाकर व वजन घटाकर दोहरी मार दी है। अगले चुनाव में किसान बोरी की चोरी करने वाली भाजपा का बोरिया-बिस्तर ही बांध देगी।
अंतरिम बजट को लालू प्रसाद ने कहा- झूठ की टोकरी
चारा घोटाले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने संसद में पेश किए गए अंतरिम बजट को झूठ की टोकरी बताया। लालू ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, झूठ की टोकरी जुमलों के बाजार में सजाने का कोई फायदा नहीं। लोग अब जुमले सुनते ही नहीं, बल्कि समझते भी हैं। समझकर मुस्कुराते ही नहीं, बल्कि ठहाका लगाते हैं। गौरतलब है कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद न्यायिक हिरासत में हैं। लालू की अनुपस्थिति में पार्टी का कामकाज देख रहे उनके बेटे तेजस्वी यादव ने भी अंतरिम बजट पर जमकर हमला बोला। तेजस्वी ने ट्वीट किया, 'अंतरिम बजट के नाम पर मोदी सरकार ने गैर संवैधानिक तरीके से पूरा बजट पेश किया है। यह संसदीय परंपरा और नैतिकता के विरुद्ध है। जो भी घोषणाएं है, उन्हें आगामी सरकार को लागू करना है। यह जनता के साथ छलावा है। अगर जनता की इतनी ही फिक्र थी तो बीते पांच साल से क्या पकौड़े तल रहे थे?
केंद्र ने अंतरिम बजट में भी आंध्र को धोखा दिया : नायडू
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार पर आखिरी बजट में भी राज्य को धोखा देने का आरोप लगाया। नायडू ने कहा कि इसमें आंध्र प्रदेश का कोई उल्लेख नहीं है। एक टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के कार्यकर्तार्ओं के साथ बातचीत करते हुए टीडीपी प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना से किसानों को कोई लाभ नहीं होगा। नायडू ने कहा, प्रतिदिन 17 रुपये से किसानों की स्थिति में सुधार कैसे हो सकता है? क्या आप उन्हें भीख दे रहे हैं?। नायडू ने कहा कि 2019-20 के बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं था। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) कोटे के तहत आरक्षण के लिए आय सीमा आठ लाख रुपये है लेकिन आयकर सीमा पांच लाख रुपये है। उन्होंने दावा किया कि बजट में ऐसे कई विरोधाभास हैं।