जेटली जी जब जीडीपी दर गिरने के लिए नोटबंदी जिम्मेदार नहीं तो बढ़ने की वजह कैसे?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: केन्द्र सरकार और विभिन्न राज्यों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार जीडीपी दर बढ़ने पर बेहद गदगद हैं। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की GDP विकास दर दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में 6.3 फीसदी रही है। इससे पहले पहली तिमाही में यह विकास दर 5.7 फीसदी के साथ तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी। जाहिर है सरकार के लिए ये खुश खबरी है और वित्त मंत्री इसके लिए सीधे सीधे केन्द्र के अति महत्वाकांक्षी सुधारों - नोटबंदी और जीएसटी को इसके लिेए जिम्मेदार बता रहें हैं। हैरत है कि FM साहब जीडीपी दर गिरने के वक्त नोटबंदी को इसका कारक नहीं मान रहे थे, बल्कि वैश्विक मंदी को इसका जिम्मेदार मान रहे थे।
रॉयटर्स द्वारा किये गये सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों ने सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। वहीं, ब्लूमबर्ग के सर्वे में भी अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया था कि इस तिमाही में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ कर 6.4 हो जाएगा।
बता दें कि इससे पहले अप्रैल-जून तिहामी में विकास दर 5.7 फीसदी था, जो लगभग 3 साल का सबसे निचला स्तर था.
तब ये था बयान
1 जून को प्रेस कांफ्रेंस में अरुण जेटली ने वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद पर नोटबंदी के असर को महत्वहीन करार दिया था। उन्होंने कहा था- नोटबंदी से पूर्व वैश्विक मंदी समेत ऐसे अनेक कारक रहे, जिनका देश की अर्थव्यवस्था पर सम्मिलित असर पड़ा। उन्होंने रोजगार विहीन विकास की बात को विपक्ष का कुप्रचार करार दिया था। तब उन्होंने पिछले दो साल के बिगड़े मॉनसून को भी इसकी वजह बताया था।
2017 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ के नीचे जाने का आंकड़ा केन्द्र सरकार ने जारी किया था। अपेक्षा अनुरूप परिणाम ना दिखने से सरकार को निराशा हुई थी।
अब ये कह रहें हैं-
दो बड़े सुधार- नोटबंदी और जीएसटी हमारे साथ है. आने वाली तिमाहियों में भी अच्छा होगा। सबसे अहम पहलू ये है कि इस क्वार्टर का पॉजिटव रिजल्ट- मैन्यूफ्कैचरिंग में ग्रोथ से अहम बना है। फिक्स कैपिटल फॉर्मेशन 4.7 हो गया है. इससे साबित होता है कि इन्वेस्टमेंट बढ़ रहा है।
चिदम्बरम ने कहा- इंतजार करें
वहीं, वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जीडीपी में जितने फीसदी विकास का वादा किया था, उससे 6.3 फीसदी की विकास दर काफी कम है। इसके अलावा उन्होंने तंज कसते हुए ट्वीट किया, ''किसी निश्चित नतीजे पर पहुंचने से पहले हमको तीसरी और चौथी तिमाही की विकास दर के आंकड़े जारी होने का भी इंतजार करना चाहिए।''