चीन को पछाड़ 8.2 फीसदी पर पहुंची भारत की वृद्धि दर 15 तिमाहियों में सर्वाधिक ऊंचाई पर
विनिर्माण एवं कृषि क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के दम पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घरेलू अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी जो पिछली 15 तिमाहियों की सर्वाधिक ऊंचाई पर है। इस वृद्धि दर से सबसे तेज वृद्धि करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश की दावेदारी और मजबूत हो गई।
मूडीज ने बिगाड़ा भारत का मूड, GDP अनुमान घटाकर किया 7.3 फीसदी
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। पहले एजेंसी ने 7.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था। एजेंसी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, लेकिन तेल की बढ़ती कीमतें और मुश्किल वित्तीय हालात रफ्तार को धीमा करेंगी।
जेटली जी जब जीडीपी दर गिरने के लिए नोटबंदी जिम्मेदार नहीं तो बढ़ने की वजह कैसे?
केन्द्र सरकार और विभिन्न राज्यों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार जीडीपी दर बढ़ने पर बेहद गदगद हैं। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की GDP विकास दर दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में 6.3 फीसदी रही है। इससे पहले पहली तिमाही में यह विकास दर 5.7 फीसदी के साथ तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी।
भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका, विकास दर घटकर तीन साल के निचले स्तर 5.7 फीसदी पर पहुंची
मोदी सरकार के विकास के तमाम दावों के बीच मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की विकास दर घटकर केवल 5.7 फीसदी रह गई। एक साल पहले समान तिमाही में यह 10.7 प्रतिशत था। पिछले तीन साल की किसी भी तिमाही का यह सबसे बुरा प्रदर्शन है। इससे पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च 2017) में जीडीपी की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी। 2016-17 की पहली तिमाही की संशोधित वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत थी।