राष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम घोषित, 17 जुलाई को मतदान और 20 को जारी होंगे नतीजे
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि अगले महीने 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान कराया जाएगा और 20 जुलाई को मतगणना की जाएगी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है। इसके मद्देनजर मुख्य निवार्चन आयुक्त नसीम जैदी और दो अन्य निवार्चन आयुक्त के साथ बुधवार शाम को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में चुनाव की तारीख का ऐलान किया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 14 जून को अधिसूचना जारी होगी। नामांकन भरने की अंतिम तारीख 28 जून होगी। नए राष्ट्रपति के लिए मतदान 17 जुलाई को होगा और 20 जुलाई को मतगणना होगी।
चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव बैलेट पेपर पर होंगे। चुनाव आयोग बैलेट पर टिक करने के लिए एक खास पेन मुहैया कराएगा। किसी और पेन का उपयोग करने पर वोट अवैध हो जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कोई भी पार्टी अपने विधायक, सांसद को व्हिप जारी नहीं कर सकती है।
मोदी सरकार और विपक्ष ने हालांकि अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में एनडीए का पलड़ा भारी है। दूसरी ओर सोनिया गांधी ने विपक्षी एकता का आह्वान किया। हाल ही में उन्होंने संसद भवन में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक की है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार अगले कुछ दिनों में सरकार और विपक्ष जल्द ही अपने उम्मीदवारों का नाम तय कर लेगी।
क्या है राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
भारत में राष्ट्रपति चुनाव अप्रत्यक्ष मतदान से होता है। लोगों की जगह उनके चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति को चुनते हैं। राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचन मंडल या इलेक्टोरल कॉलेज करता है। इसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। इसमें राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य मतदान में हिस्सा नहीं लेते हैं। दो केंद्रशासित प्रदेशों, दिल्ली और पुडुचेरी के विधायक भी चुनाव में हिस्सा लेते हैं जिनकी अपनी विधानसभाएं हैं।
बहुमत से कितनी दूर है मोदी सरकार
एनडीए सरकार के पास फिलहाल 5,37,614 वोट हैं। उसे वाईएसआर कांग्रेस के 9 सांसदों का समर्थन मिल गया है। इसके अलावा एनडीए की नजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी पर है। इन दोनों दलों में से कोई एक अगर एनडीए के साथ आ जाता है तो उनका उम्मीदवार आसानी से जीत जाएगा। दूसरी ओर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, सीपीएम, बीएसपी, आरजेडी जैसे प्रमुख विपक्षी दल संयुक्त उम्मीदवार उतारने की कवायद में है। इनके पास फिलहाल 4,02,230 वोट है। इसके अलावा गैर यूपीए-एनडीए दलों के पास करीब 1.60 लाख मत हैं।
राष्ट्रपति बनने की योग्यताएं
उम्मीदवार भारत का नागरिक हो। कम से कम 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो। लोकसभा का सदस्य बनने की पात्रता रखता हो। राष्ट्रपति बनने के बाद उम्मीदवार संसद के किसी भी सदन या राज्यों की किसी भी विधानसभा/विधान परिषद का सदस्य नहीं होना चाहिए। वह भारत सरकार के अंतर्गत किसी भी लाभ के पद पर न हो।