राहुल गांधी ने संभाली कांग्रेस की कमान, देश को बताया कांग्रेस और भाजपा में बुनियादी फर्क
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : राहुल गांधी (47) के लिए शनिवार की सुबह एक नई सुबह लेकर आया जब उन्होंने कांग्रेस के 60वें अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला। इस मौके पर उन्होंने अपने भाषण में भाजपा और नरेंद्र मोदी पर सीधा प्रहार किया। राहुल ने कहा- एक बार आग लग जाती है तो उसे बुझाना बहुत मुश्किल होता है। यही हम भाजपा के लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। आज भाजपा के लोग पूरे देश में आग और हिंसा को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए पूरे देश में सिर्फ एक शक्ति है और वो है कांग्रेस पार्टी। इससे पहले पार्टी मुख्यालय 24 अकबर रोड के परिसर में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन द्वारा निर्वाचन प्रमाणपत्र राहुल को सौंपे जाने के साथ कांग्रेस के नए अध्यक्ष की ताजपोशी की प्रक्रिया पूरी हुई। इस मौके पर सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
राहुल ने अपनी मां सोनिया गांधी से अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण किया। नए पार्टी अध्यक्ष के रूप में अपने पहले भाषण में राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाने साधते हुए कहा, वह हमें वापस मध्ययुग में ले जा रहे हैं। कांग्रेस भारत को 21वीं शताब्दी में लाई, जबकि प्रधानमंत्री मोदी हमें मध्ययुग में वापस ले गए हैं जहां लोगों को उनकी आस्था और खान-पान के लिए मार दिया जाता है। उन्होंने कहा, भद्दी हिंसा ने हमें विश्व के सामने शर्मिदा किया। हमारा देश जिसका दर्शन व इतिहास प्यार और करुणा से बना है, इस तरह के डर से इसकी छवि को नुकसान पहुंचा और हमारे इस महान देश में इस क्षति की भरपाई कुछ भी करके नहीं की जा सकती। राहुल ने कहा- 'मैं 13 साल से राजनीति में हूं। जैसा मैं देख रहा हूं, राजनीति में अब सच्चाई और दया खत्म हो रही है। राजनीति का सीधा संबंध लोगों से है, लेकिन अब राजनीति का संबंध लोगों से नहीं रहा। हम भाजपा को बताना चाहते हैं कि आपके लोग देश में हिंसा-आग लगाने का काम कर रहे हैं। वो देश और समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं, हम जोड़ने का काम कर रहे हैं। वो आग लगाते हैं, हम बुझाते हैं। ये कांग्रेस और भाजपा के बीच बुनियादी अंतर है। कांग्रेस मेरा परिवार है। मैं दिल से आपको प्यार दूंगा।'
LIVE: Official welcoming ceremony of #CongressPresidentRahulGandhi at AICC. #ThankYouSoniaGandhi https://t.co/WKHDxcfZ6r
— Congress (@INCIndia) December 16, 2017
राहुल गांधी ने कहा- 'मैं देश के युवाओं से कहना चाहता हूं कि ये ग्रेंड ओल्ड पार्टी है। आने वाले वक्त में हम इसे ग्रेंड ओल्ड एंड यंग पार्टी बनाने जा रहे हैं। एक व्यक्ति जो खून-पसीने से पार्टी का विस्तार करता है, उसकी रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। हम सब मिलकर प्यार और भाईचारे का नया हिंदुस्तान बनाएंगे।' मोदी द्वारा ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ कहने पर इशारा करते हुए राहुल ने कहा, कांग्रेस भाजपा को अपना भाई और बहन मानती है, यद्यपि वे हमसे सहमत नहीं होंगे। वे कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं, वे हमें मिटाना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस सभी भारतीयों की इज्जत करती है, यहां तक कि भाजपा की भी। हम नफरत के साथ नफरत से नहीं लड़ना चाहते हैं। कांग्रेस ने हमेशा अपनी चुनौतियों व संघर्षों का प्यार व स्नेह से सामना किया है। वे आवाज कुचलेंगे, हम सबसे कमजोर को बोलने की इजाजत देंगे। वे हमारा तिरस्कार करेंगे, हम इज्जत करेंगे और खुद का बचाव करेंगे।
राहुल ने कहा, वे सत्ता प्रतिष्ठानों, शांत करने और भयभीत करने की मशीनरी पर नियंत्रण स्थापित कर सकते हैं, लेकिन हम कांग्रेस के लोग जनता के लोग हैं। राजनीति जनता के लिए होती है, लेकिन आज राजनीति का इस्तेमाल जनता के लिए नहीं किया जा रहा है। राजनीति का इस्तेमाल लोगों के उत्थान के लिए नहीं, बल्कि उन्हें कुचलने के लिए हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश के कई लोगों का हमारे समय की राजनीति से मोहभंग हो गया है, क्योंकि आज राजनीति में करुणा और सच्चाई का अभाव है। आपके सामने एक उदाहरण है। एक बार अगर आग लग जाए तो बुझाना मुश्किल होता है। हम यही बात भाजपा के लोगों से कह रहे हैं कि अगर देश को आप आग के हवाले कर देते हैं तो उस पर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा।
राहुल ने कहा- जो भाजपा कर रही है, वो अगर कोई रोक सकता है तो वो प्यारा कांग्रेस का कार्यकर्ता और नेता है। हम गुस्से की राजनीति के खिलाफ लड़ेंगे। राहुल ने कहा कि किसी की भी पर्सनल ग्लोरी के ज्यादा एक्सपर्टीज (विशेषज्ञता), एक्सपीरियंस (अनुभव) और नॉलेज (ज्ञान) की जरूरत होती है। कांग्रेस पुराने वक्त से देश में रही है। भाजपा वाले मानते हैं कि उनके पास ही सबसे पुराने विचार हैं। ये सच नहीं है। हिंदुस्तान में दो विचारों के बीच टक्कर रही है- पहला, खुद का विचार और दूसरा- किसी अन्य का विचार। भाजपा में वो लोग हैं जो खुद के लिए लड़ते हैं, जबकि कांग्रेस एक कम्युनिटी से संचालित होती है।
राहुल की ताजपोशी समारोह में पिछले 19 सालों तक पार्टी की कमान संभालने वाली उनकी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी वाड्रा, प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मोतीलाल वोरा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। पार्टी समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर आतिशबाजी कर, मिठाइयां बांटकर और नाच-गाकर अपनी खुशी जाहिर की।
2004 में राहुल गांधी ने रखा था राजनीति में कदम
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का पद संभालने वाले राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार के छठे सदस्य हैं। बता दें कि सोनिया गांधी 19 साल (1998-2017) कांग्रेस अध्यक्ष रहीं। राहुल 2013 में पार्टी के उपाध्यक्ष बने थे। राहुल ने 2004 में राजनीति में तब अपना कदम रखा था और अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीता था। साल 2012 में यूपी चुनाव में नेतृत्व किया और सिर्फ 28 सीटें कांग्रेस जीत पाई। 2013 में कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए गए। उसी साल दाग़ियों पर आए अध्यादेश को बेकार बताकर राहुल ने पार्टी को शर्मिंदा कर दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की लेकिन 44 पर ही कांग्रेस सिमट गई।
इसके बाद साल 2015 में सूट-बूट की सरकार कहकर राहुल ने पीएम मोदी और भाजपा सरकार पर निशाना साधा। राहुल का ये बयान काफी चर्चा में रहा। साल 2015 में ही बिहार में राजद और जेडीयू से महागठबंधन किया और जीत मिली। साल 2017 में 5 में से 4 राज्यों में कांग्रेस हारी, उत्तर प्रदेश में सिर्फ 7 सीटें मिलीं। लेकिन पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन को हराया और वहां कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बनी।
इसी साल अमेरिका की 'बहुचर्चित यात्रा' से लौटकर आए राहुल गांधी में गजब का बदलाव दिखा। उनके भाषण में गजब की धार दिखी। उन्होंने खुले तौर पर स्वीकारा कि 2014 में कांग्रेस इसलिए हारी क्योंकि पार्टी में अहंकार था। इसके बाद तो उन्होंने ताबड़तोड़ बयान दिए और विकास पागल हो गया, गब्बर सिंह टैक्स और मोदी मेड डिज़ास्टर जैसे चुटीले नारे दिये। कांग्रेस भी पहली बार सोशल मीडिया पर भाजपा को टक्कर देती दिखाई दी। जुलाई 2017 से ट्वीटर पर राहुल के करीब 20 लाख फॉलोअर बढ़े। अध्यक्ष बनने के साथ ही राहुल के समक्ष गुजरात चुनाव जीतने के अलावा कर्नाटक, मिज़ोरम, मेघालय, पुडुचेरी, हिमाचल प्रदेश प्रदेश में सरकार बनाए रखने की भी चुनौती है।