राहुल के बहरीन दौरे का चुनावी कनेक्शन!
सत्ता विमर्स ब्यूरो
नई दिल्ली: प्रवासी भारतीयों तक पहुंच बनाने के प्रयास के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को बहरीन पहुंचे। यहां उनका जोरदार स्वागत हुआ और सेल्फी लेने की होड़ भी दिखी। अध्यक्ष बनने के बाद राहुल की ये पहली विदेश यात्रा है और इस दौरे का चुनावी कनेक्शन बताया जा रहा है। इसे कर्नाटक चुनावों के पहले जमीन तैयार करने की पहल मानी जा रही है। खाड़ी के देशों में सबसे अधिक करीब 35 लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं। जिनमें दक्षिण भारतीयों की तादाद अच्छी खासी है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो ये प्रधानमंत्री मोदी की तर्ज पर वैश्विक छवि चमकाने कि उनकी एक अहम कोशिश है।
कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर इस राहुल गांधी के दौरे का ब्यौरा दिया है। ट्विट में बताया गया है कि सोमवार से बहरीन में शुरू होने वाले ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजिन (जीओपीआइओ) के तीन दिवसीय समारोह में राहुल मुख्य अतिथि होंगे। इस समारोह में 50 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने बहरीन के प्रधानमंत्री प्रिंस शेख खालिद बिन हमद अल खलीफा से मुलाकात की और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा लिखी गईं किताबें भी उन्हें भेंट की, जिनमें डिस्कवरी ऑफ इंडिया भी शामिल हैं।
बहरीन के शेख खालिद बिन अल खलीफा से भी उन्होंने मुलाकात की और इसकी तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट की। यहां उन्होंने खलीफा के साथ दोपहर का भोज भी किया। गांधी की यह पहल बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों के बीच कांग्रेस को लोकप्रिय बनाने के कदम के रूप में देखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्राओं में प्रवासी भारतीयों से मुलाकात करते हैं। राहुल गांधी बहरीन के राजकीय अतिथि होंगे।
चुनावी मकसद
खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। इनमें दक्षिणी भारत के लोगों की संख्या अच्छी खासी है, जिसमें खासकर केरल और कर्नाटक मुख्य रूप से हैं। ऐसे में राहुल गांधी के बहरीन दौरे को 2019 के लोकसभा और अगले कुछ महीनों में होने वाले कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि राहुल गांधी के इस दौरे का राजनीतिक महत्व भी है, जिसका असर कर्नाटक चुनाव पर पड़ सकता है
अपने बहरीन दौरे से पहले एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा था, 'अनिवासी भारतीय हमारी सौम्य ताकत के वास्तविक प्रतिनिधि एवं विश्व में हमारे देश के दूत होते हैं। बहरीन में अपने देशवासियों के साथ मुलाकात और उन्हें संबोधित करने को लेकर आशान्वित हूं।' राहुल गांधी के नौ जनवरी को भारत लौटने की संभावना है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बहरीन दौरे पर जाने वाले हैं, मगर उनसे पहले राहुल गांधी वहां पहुंच गए। ऐसा कहा जा रहा है कांग्रेस राहुल गांधी की वैश्विक छवि को मजबूत करने में जुट गई है। इस साल उनके कई और विदेशी दौरे शेड्यूल हैं, जिनके तहत वह यूरोप और अमेरिका जाने वाले हैं।