जानिए! कहां जाता था इनका वेतन और पेंशन?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : क्या आपको पता है, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पेंशन लेने से मना कर दिया था। आपको शायद यह भी पता नहीं होगा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने वेतन लेने से मना कर दिया था। जी हां! यह सच है और दोनों महान विभूतियों के पेंशन और वेतन सरकार के आपदा कोष में जाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गृह मंत्रालय की दशकों पुरानी फाइलों को नष्ट करने के आदेश के बाद मंत्रालय ने करीब डेढ़ लाख फाइलों को नष्ट किया गया है। इस प्रक्रिया के दौरान गृह मंत्रालय के अधिकारियों के हाथ कुछ दिलचस्प और ऐतिहासिक फाइलें हाथ लगी हैं। इन फाइलों में देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की वह फाइल भी शामिल है, जिसमें उन्होंने अपना वेतन लेने से ही मना कर दिया था और उनके वेतन को आपात कोष में भेजा गया था।
दूसरी फाइल देश के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद की ओर से पेंशन लेने से इनकार संबंधी थी। उनका पेंशन भी सरकार के आपदा कोष में भेजा गया थी। वहीं एक अन्य फाइल आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन को 64 हजार रुपये टीए-डीए भत्ते देने को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी देने से संबंधित है। यह राशि आज के समय में करोड़ो रुपए के बराबर है।
हालांकि अभी इस बारे में सरकार की कोई स्पष्ट गाइड लांइस नहीं हैं कि इन दुर्लभ फाइलों का क्या किया जाए। मंत्रालयों को साफ सुथरा रखने की पीएम मोदी की मुहिम के तहत गृह मंत्रालय में पुरानी और बिना काम की फाइलों को नष्ट किया जा रहा है। ये फाइलें वर्षों से अलमारियों में धूल फांक रही थी। कुछ ऐतिहासिक फाइलों को नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया में भेजा गया है।