डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर राहुल ने PM मोदी पर साधा निशाना
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उनसे सवाल किया कि अगर वह अपनी पीठ थपथपा चुके हों तो चीन द्वारा डोकलाम इलाके में सड़क निर्माण की खबरों के बारे में देश को जानकारी दें। सूत्रों ने गुरुवार को कहा था कि चीन ने भारत के साथ गतिरोध वाले दोकलाम इलाके में अपने सैनिकों की अच्छी खासी तैनाती कर रखी है और विवादित इलाके से महज 12 किलोमीटर दूर उसने सड़कों को चौड़ा करने का काम शुरू किया है। इस खबर के एक दिन बाद राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर यह टिप्पणी की है।
राहुल गांधी ने 500 सैनिकों की निगरानी में, चीन ने 'डोकलाम में सड़क चौड़ी' की शीर्षक वाली खबर को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘मोदीजी, एक बार जब आप अपनी पीठ थपथपा चुके हों तो कृपया इस बारे में जानकारी देंगे? भारत और चीन के सैनिकों के बीच डोकलाम इलाके में सड़क निर्माण गतिविधियों को लेकर 16 जून को शुरू हुआ गतिरोध 73 दिनों तक चला था। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद तनाव कम हो सका था।
Modiji, once you're done thumping your chest, could you please explain this?https://t.co/oSuC7bZ82x
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 6, 2017
डोकलाम को लेकर विवाद अभी थमा ही था कि चीन ने एक बार फिर सड़क निर्माण का कार्य शुरु कर दिया है। सूत्रों की मानें तो चीन ने बड़ी संख्या में सैनिक भी तैनात कर दिए हैं। माना जा रहा है कि सैनिकों की तैनाती और डोकलाम पठार में फिर से किए जा रहे सड़क निर्माण के कारण दोनों देशों के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ सकता है। वहीं चीन ने भारत की यात्रा कर रहे अपने नागरिकों के लिए ट्रेवल एडवायजरी भी जारी की है। डोकलाम गतिरोध के बाद चीन ने पहली बार ऐसी चेतावनी जारी की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने डोकलाम में उस जगह के पास अपने करीब 500 सैनिकों को तैनात कर रखा है जहां 73 दिन तक भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध रहा था। इस इलाके से करीब 10 किलोमीटर दूर चीन ने एक बार फिर सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस स्थिति से संकेत मिलता है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर तनाव अभी तक कम नहीं हुआ है। सूत्रों ने कहा कि डोकलाम में चीन अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ा रहा है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। इस पर भारत का चिंतित होना लाजमी है।