बिग सपा ड्रामा:अखिलेश के साथ खड़े दिखे रामगोपाल, कहा उन्हें हटाना चूक
सत्ता विमर्श ब्यूरो
लखनऊ: समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के परिवार में बार-बार घटनाक्रम बदल रहा है। जहां शिवपाल और अखिलेश में आर-पार की लड़ाई सा माहौल दिख रहा है वहीं भतीजे अखिलेश यादव के समर्थन में डॉ रामगोपाल यादव आ गए हैं। उन्होंने माना है कि अखिलेश को अध्यक्ष पद से हटाने में चूक हुई है। फिलहाल वो परिवार की दूरियों को पाटने में एक पुल का काम कर रहें हैं। इस बीच खबर है कि शुक्रवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपने घर पर पारिवारिक भोज का आयोजन किया है, जिसका मकसद अखिलेश और शिवपाल के बीच की दरार को भरना है।
रामगोपाल की सफाई
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने गुरुवार को लखनऊ पहुंचकर सफाई दी। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। रामगोपाल ने कहा कि परिवार के भीतर सब कुछ ठीक है. जल्द ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा। उन्होंने माना कि अखिलेश से खुद इस्तीफा दिलवाना चाहिए था। संवाददाताओं से बातचीत में रामगोपाल ने पिछले तीने दिनों से चल रहे सियासी घटनाक्रम पर सफाई दी। रामगोपाल ने हालांकि इससे इनकार किया कि पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'पार्टी के भीतर इस तरह की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। महासचिव मैं हूं और मैं ही बैठकें बुलाता हूं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।'
सपा नेता ने कहा कि पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक चुनावों को लेकर या जब किसी को बाहर करना होता है, तब बुलाई जाती है। इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से गुरुवार को मुलाकात होगी और उसके बाद इस बारे में जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री के बयान के बारे में रामगोपाल ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि ज्यादातर फैसले उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के कहने पर लिए हैं और कुछ फैसले उन्होंने खुद भी लिए। देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते उनके पास यह अधिकार है कि वह खुद फैसले ले सकें।'
नाराज नहीं शिवपाल
सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि शिवपाल यादव नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि वह मंत्री हैं और आगे भी बने रहेंगे। मीडिया जानबूझकर इस मुद्दे को तूल दे रहा है। बाहरी दखल को लेकर पूछे गए एक सवाल पर रामगोपाल ने ज्यादा कुछ बोलने से इनकार कर दिया।
नेताजी की सरलता का फायदा उठा रहा है कोई
उन्होंने मुख्यमंत्री आवास 5, कालीदास मार्ग से बाहर निकलने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि परिवार के भीतर सब कुछ ठीक है। मुख्यमंत्री अखिलेश से मुलाकात अच्छी रही। रामगोपाल ने कहा कि यह झगड़ा बाहरी व्यक्ति द्वारा किया हुआ है। बाहरी व्यक्ति चाहते हैं कि पार्टी बर्बाद हो जाए। ऐसे लोग मुलायम की सरलता का लाभ उठा रहे हैं। नेताजी के इशारे पर सब कुछ ठीक हो जाएगा।
रामगोपाल से यह पूछे जाने पर कि जिस बाहरी व्यक्ति का जिक्र वह कर रहे हैं क्या वह सांसद अमर सिंह हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के बीच धारणा यही है। लोगों का मानना है कि अमर सिंह की वजह से ही ऐसा हो रहा है। संभवत: बाहरी व्यक्ति वही हैं।
अमर सिंह पर नेताजी लेंगे फैसला
रामगोपाल ने कहा कि अमर सिंह कहते हैं कि वह मुलायमवादी हैं। उन्हें पार्टी से कोई मतलब नहीं है। इसलिए वह पार्टी के लिए सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से बहुत से बिंदुओं पर बातचीत हुई, लेकिन सभी बातें वह मीडिया के साथ साझा नहीं कर सकते। यह पूछने पर कि क्या अमर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी? इस पर रामगोपाल ने कहा कि यह अधिकार नेताजी के पास है। वह जो कहेंगे वही होगा।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि नेताजी के फैसले के बाद मुख्यमंत्री की तरफ से इतनी जल्दी प्रतिक्रिया आ जाएगी। जब नेताजी ने अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला लिया था, तब उन्होंने अखिलेश से बातचीत की थी। अखिलेश ने कहा कि जब नेताजी सहमत हैं तो उन्हें हटाने का आदेश जारी किया जाए।
ये है मामला
उप्र में पिछले तीन दिनों से सियासी उठापटक का दौर जारी है। मुख्यमंत्री ने पहले गायत्री प्रसाद प्रजापति व राजकिशोर सिंह को बर्खास्त किया और फिर अगले ही दिन उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव दीपक सिंघल की भी छुट्टी कर दी। इससे नाराज मुलायम सिंह ने अखिलेश को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया था। इस आदेश के बाद अखिलेश ने अपने चाचा और सूबे के कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव का कद छोटा करते हुए उनसे सभी महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिए।
अखिलेश के इस फैसले के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि शिवपाल सरकार से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन बुधवार को दिल्ली में मुलायम सिंह से मुलाकात के बाद उनके सुर नरम पड़ गए और उन्होंने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। शिवपाल ने कहा था कि संगठन का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मुलायम ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है, जिसे वह मजबूती से निभाएंगे।