आरक्षण पर भागवत के बयान से फिर बवाल
हरियाणा में आरक्षण को लेकर जाटों द्वारा जारी आंदोलन के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आरक्षण की पात्रता पर फैसला करने के लिए एक गैर-राजनीति समिति का गठन किया जाना चाहिए। भागवत के इस बयान के कुछ घंटे बाद ही कांग्रेस ने कहा कि उन्हें विवादास्पद बातें बोलने की आदत है।
भागवत के बदले सुर, कहा बना रहेगा आरक्षण
बिहार चुनाव के दौरान आरक्षण की समीक्षा पर बयान देकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ाने वाले संघ प्रमुख मोहन भागवत के सुर अब बदल गए हैं। भागवत ने कहा है कि जब तक सामाजिक भेदभाव है तब तक आरक्षण की व्यवस्था जारी रहेगी।
राम मंदिर का निर्माण मेरे जीते जी : सरसंघचालक
सरसंघचालक मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण के बारे में अहम बयान में कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर मेरे जीते जी ही बनेगा। कोलकाता में बुधवार रात एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने कहा, 'अयोध्या में राम मंदिर के लिए सावधानी से योजना बनानी होगी। उम्मीद है कि राम मंदिर मेरी जिंदगी में ही बन जाएगा।'
सुशासन के लिए नीतिगत सुधार जरूरी : भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को ऐसी सरकारी नीतियों की वकालत की जो समाज को एकजुट करे और सभी की तरक्की, खासकर कमजोर वर्ग की तरक्की के अवसर उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि सुशासन और अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए नीतिगत सुधार किए जाने चाहिए।
भाजपा आरक्षण प्रथा की विरोधी नहीं : अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने 'आरक्षण की समीक्षा' वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर साफ तौर पर कहा कि भाजपा आरक्षण विरोधी नहीं है और ना ही वर्तमान आरक्षण व्यवस्था में पुनर्विचार की जरूरत की पक्षधर है। आरक्षण को जातीय राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। पटना में एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में हिस्सा लेने मंगलवार को पटना पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भाजपा कभी भी जाति के आधार पर चुनाव लड़ने की हिमायती नहीं रही है।
आरक्षण की जरूरत पर संघ ने उठाए सवाल
बिहार चुनाव से ठीक पहले आरक्षण पर राजनीति और उसके दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सुझाव दिया है कि एक समिति बनाई जानी चाहिए जो यह तय करे कि कितने लोगों को और कितने दिनों तक आरक्षण की आवश्यकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी समिति में राजनीतिकों से ज्यादा ‘सेवाभावियों’ का महत्व होना चाहिए। संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने संगठन के मुखपत्रों पांचजन्य और आर्गेनाइजर में दिए साक्षात्कार में यह सुझाव दिया है।
'जंगल में खोए भाई लौट रहें हैं'
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर हिन्दू राष्ट्र का राग अलापा है। सरसंघचालक ने कार्यकर्ताओं से देश, हिंदू धर्म और हिंदू समाज की रक्षा करने का आह्वान किया है। अहमदाबाद में आयोजित चार दिवसीय कार्यशाला के आखिरी दिन रविवार को उन्होंने कहा कि यह हिंदू देश है अगर हिंदू समाज पर खतरा आता है तो देश भी खतरे में पड़ जाएगा। भागवत ने कहा कि आज मानव समाज के बाद समक्ष जो समस्याएं हैं, वे इसलिए हैं, क्योंकि धर्म को नजरअंदाज किया गया। 'घर वापसी' को डिफाइन करते हुए भागवत ने कहा कि हमारे भाई-बहन जो जंगल में खो गए थे, वे वापस आ रहे हैं, यही घर वापसी है।
गुजरात में RSS शिविर में जुटेंगे 26 हजार कार्यकर्ता, मोदी आमंत्रित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके प्रतिद्वंद्वी संजय जोशी को अगले सप्ताह आरएसएस कार्यकर्ताओं के बड़े शिविर में आमंत्रित किया गया है। शिविर में हिस्सा लेने वालों को संघ प्रमुख मोहन भागवत संबोधित करेंगे।
आरएसएस को देश को एकजुट करना चाहिए : भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि समाज को एकजुट करने की जिम्मेदारी संगठन की है जबकि विश्व हिन्दू परिषद ने इस बात पर जोर दिया कि ‘घर वापसी’ के कार्यक्रम जारी रहेंगे।
'धर्मांतरण पसंद नहीं है तो कानून लाए विपक्ष'
धर्म परिवर्तन विरोधी विधेयक की वकालत करते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने विपक्षी दलों से कहा कि अगर वे धर्म परिवर्तन पसंद नहीं करते हैं तो संसद में कानून बनाने में सहयोग करें। अगर कोई हिंदू नहीं बनना चाहता है तो इसी तरह हिंदुओं का भी धर्म परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए।