भागवत ने की PM मोदी की तारीफ, कहा- समाज को मिल गया है एक सक्षम ठेकेदार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धर्मसत्ता का ध्वजवाहक करार दिया है और कहा है कि मोदी का रास्ता भले ही टेढ़ा-मेढ़ा हो, लेकिन उनका लक्ष्य अडिग है और इसके लिए वह भक्ति भाव से काम कर रहे हैं। आज समाज को नरेंद्र मोदी के रूप में एक ठेकेदार मिल गया है, वह फैसले ले रहा है जो देश के लिए जरूरी है।
सरसंघचालक मोहन भागवत को राष्ट्रपति बनना मंजूर नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को उन खबरों को खारिज किया, जिसमें कहा गया कि देश के अगले राष्ट्रपति पद की दौड़ में उनका नाम भी शामिल है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर उन्हें इस पद के लिए नामित भी किया गया तो भी वह इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
वाकई सरसंघचालक मोहन भागवत किसी के खिलाफ नहीं हैं?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि आरएसएस किसी के खिलाफ नहीं है। वह केवल हिंदुओं को एकजुट और सशक्त करने का काम कर रहा है। मोहन भागवत ने यह बात बीते शनिवार को कोलकाता में आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। तो क्या लगता है, सरसंघचालक मोहन भागवत सच बोल रहे हैं कि वह किसी के खिलाफ नहीं हैं? बावजूद इसके कि संघ के इस कार्यक्रम को पश्चिम बंगाल पुलिस इजाजत नहीं दे रही थी। इसके लिए कलकत्ता हाईकोर्ट को दखल देना पड़ा था।
मिशनरियों में हिन्दुओं का धर्म बदलने की ताकत नहीं : भागवत
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने एक बार फिर से धर्मांतरण का मुद्दा उछाल दिया है। गुजरात के नवसारी जिले के वंसदा में भारत सेवाश्रम संघ की ओर से आयोजित विराट हिंदू सम्मेलन के समापन संबोधन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश में धर्मांतरण की कोशिशें कामयाब होने की संभावना नहीं है क्योंकि मिशनरियों में वो ताकत नहीं है। भागवत ने हिंदू एकता पर जोर दिया और जाति एवं भाषा से परे जाकर समुदाय के सदस्यों से साथ आने की अपील की।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पीएम मोदी के लिए गाया 'यशोगान'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक से गदगद सरसंघचालक मोहन भागवत ने आज मोदी का यशोगान करते हुए देश का यशस्वी प्रधानमंत्री बताया और कहा कि कश्मीर तो भारत का अभिन्न अंग है ही, मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगित बाल्टिस्तिान भी भारत का ही हिस्सा है।
संघ का विवादित बयान - 'आबादी बढ़ाने से 'उनको' नहीं रोकता कानून तो 'हिंदू' क्यों रुके ?'
अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले सरसंघचालक मोहन भागवत ने हिन्दुओं की घटती जनसंख्या पर चिंता जताई है। शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान भागवत ने हिंदुओं को सलाह दी कि वो एक से ज्यादा बच्चे पैदा करें। संघ प्रमुख आगरा में आयोजित विश्वविद्यालय व् महाविद्यालय शिक्षक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में पहुंचे थे जहां वो शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान भागवत ने हिंदू आबादी पर चिंता जताते हुए ये बातें कही।
देश में चल रही मोदी-भागवत की सरकार : राहुल
जंतर-मंतर पर कांग्रेस की लोकतंत्र बचाओ रैली में उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र खतरे में है। इसलिए हम लोकतंत्र के लिए लड़ेंगे। गरीबों के लिए लड़ेंगे। इस देश में केवल दो ही लोगों की चलती है, पीएम मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की। राहुल ने कहा कि देश में सूखा व्याप्त है। हर रोज 50 किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन पीएम मोदी कुछ नहीं बोल रहे हैं। मेक इन इंडिया के भव्य शो के बाद भी लोगों को रोजगार नहीं मिला। 2015 में तो केवल 1.30 लाख लोगों को रोजगार मिला।
'भारत माता की जय' पर बखेड़ा कब तक?
देश की राजनीति भटक सी गई है। कभी आरक्षण का मुद्दा, कभी अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा तो कभी राष्ट्रीय नारा और राष्ट्रगान को लेकर बहसबाजी। ये सभी मुद्दे सत्ता में बने रहने की जद्दोजहद के लिए की जाने वाली राजनीति तो हो सकती है, लेकिन इससे राजनीति के असल मायने 'लोकतंत्र के विकास' की अवधारणा टूटती दिख रही है। देश में बड़ा बखेड़ा खड़ा होता दिख रहा है। जी हां! हम बात करे रहे हैं 'भारत माता की जय' पर चल रहे बखेड़ा की। बड़ा सवाल जिसका जवाब कोई नहीं दे रहा कि 'भारत माता की जय' बोलने या ना बोलने से 125 करोड़ देशवासियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में हासिल क्या हो रहा है? क्या इससे गरीबी मिट जाएगी? क्या इससे लातूर जैसे इलाके में पानी का संकट दूर हो जाएगा? क्या इससे स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर पर देश ऊंचाईयों की बुलंदी छू पाएगा? और सबसे बड़ी बात ये कि 'भारत माता की जय' का नारा लगा-लगा कर मोदी सरकार 'सबका साथ सबका विकास' के लक्ष्य को हासिल कर अच्छे दिन का जो सपना देश दिखाया है, पूरा कर पाएगी?
'भारत माता की जय' पर भागवत ने लिया टू-टर्न
'भारत माता की जय' नारे को लेकर देश में छिड़ी बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि यह नारा किसी पर थोपने की जरूरत नहीं है बल्कि हमें ऐसा भारत बनाना है कि लोग स्वत: 'भारत माता की जय' बोलने लगें। इससे पहले कोलकाता में सरसंघचालक ने 'भारत माता की जय' नारे को पूरी दुनिया में अभिवादन के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत एक ऐसा शब्द है जो देश के सर्वाधिक परंपरागत मूल्यों को दर्शाता है।
'आरक्षण' पर प्रधानमंत्री मोदी ने फिर दी सफाई
पांच राज्यों में चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भाजपा ने मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब और हरियाणा में कई सालों तक राज किया है और आरक्षण नीति पर कभी कोई खरोंच तक नहीं आई। फिर भी झूठा प्रचार किया जा रहा है। जो लोग केवल राजनीति करने में दिलचस्पी रखते हैं, वे ही इससे निकल नहीं पा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आरक्षण को दलितों और वंचितों का ऐसा अधिकार बताया जिसे कोई छीन नहीं सकता। यदि आज आम्बेडकर भी आ जाएं, वो भी आपका यह अधिकार नहीं छीन सकते। हमारी क्या हस्ती है?