राफेल सौदे पर कैग की रिपोर्ट संसद में पेश, विपक्ष ने कहा- तथ्यों कोे छुपाने की हुई है कोशिश
राफेल सौदे को लेकर बजट सत्र के आखिरी दिन संसद में पेश की गई सीएजी रिपोर्ट में जो सबसे बड़ी बात कही जा रही है वह यह है कि एनडीए के कार्यकाल में 36 राफेल की 7.87 बिलियन यूरो में तय हुई डील यूपीए के कार्यकाल में साल 2012 में हुई डील के मुकाबले 2.86 प्रतिशत सस्ती है।
संसद में राफेल पर रिपोर्ट आने से पहले कांग्रेस ने सीएजी पर लगाया हितों के टकराव का आरोप
राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस ने अब कैग रिपोर्ट को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने रविवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) राजीव महर्षि से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के करार की ऑडिट प्रक्रिया से खुद को अलग करने की मांग की।
कटघरे में CAG ; नोटबंदी, राफेल डील के ऑडिट में देरी पर पूर्व नौकरशाहों ने कैग को लिखी चिट्ठी
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग या सीएजी) एक बार फिर कटघरे में है। वो भी मोदी सरकार के करतूतों पर परदा डालने के लिए। 60 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कैग को पत्र लिखकर उस पर नोटबंदी और राफेल सौदे पर ऑडिट रिपोर्ट को जान-बूझकर टालने का आरोप लगाया है।
संसद में CAG का बड़ा खुलासा : जंग के हालात बने तो 10 दिन में खत्म हो जाएंगे गोला बारूद
चीन और पाकिस्तान की सीमा पर लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि अगर पाकिस्तान या चीन से युद्ध के हालात बनते हैं तो भारतीय सेना के पास इतना भी गोला-बारूद नहीं है कि वह लगातार 10 दिनों तक दुश्मनों का मुकाबला कर सके।