अर्थनीति : हम हैं दुनिया के भरोसे तो...
रुपया कब मजबूत होगा। इस सवाल के जवाब में जब हम भारतीय रुपये की मजबूती की कल्पना करते हैं तो शायद दिमाग में 64-65 का भाव अच्छा दिखता होगा। वजह ये कि जिस तेजी से रुपया डॉलर, पाउंड और दूसरी मुद्राओं के मुकाबले सरक रहा है उसमें हमें ये लगता है कि जहां है वहीं रुक जाए तो बात बन जाए। और, शायद भारत की सरकार भी कुछ ऐसा ही सोच रही है। इसी वजह से फिलहाल रुपये की मजबूती के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
इंडिया फर्स्ट नरेंद्र मोदी प्राइवेट लिमिटेड
नरेंद्र मोदी के विरोधी और समर्थक जितने मुखर हैं उतने शायद भारतीय राजनीति में कभी किसी नेता के नहीं रहे। नरेंद्र मोदी के विरोधी ऐसे कि गलती से कोई छोटी सी बात भी मोदी के खिलाफ हो तो उसको पहाड़ बनाने में नहीं चूकते और समर्थक भी ऐसे कि देश की हर समस्या की रामबाण औषधि मोदी को ही मानते हैं। फिर कोई नरेंद्र मोदी के रास्ते में बाधा बनता दिखता है तो उसकी मिट्टी पलीद करने से भी नहीं चूकते। फिर वो चाहे नोबल पुरस्कार विजेता भारत रत्न अमर्त्य सेना ही क्यों न हों।