बेमेल 'बियाह' का हश्र, क्या तय था!
बिना मेल के ब्याह, कनपटी भर सेनुर...भोजपुरी बेल्ट की ये कहावत भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी पर सटीक बैठती है। पहले दिन से ही इस बेमेल गठजोड़ को लेकर संदेह था। तीन साल तक साथ चला लेकिन अब भाजपा ने अचानक ही अपने हाथ खींच लिए। लेकिन ये हैरान करने वाला फैसला यूं ही नहीं लिया गया। तैयारी कई दिनों से थी। प्रेस कान्फ्रेंस में पार्टी के तेवरों से स्पष्ट हो गया है कि अब बात सॉफ्ट नहीं बल्कि हार्ड कोर हिन्दुत्व की होगी।
अब आम लोग भी होंगे दिवालिया, कानून बनाने की तैयारी
केंद्र सरकार अब आम लोगों के लिए भी दिवालिया कानून तैयार कर रही है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है, जो इस बात पर गंभीर रूप से विचार कर रहा है कि छोटे-मोटे डिफॉल्टर या कर्जदाताओं को ऋणदाताओं की समिति गठित करने के प्रावधान से बरी किया जाना चाहिए।
वरुण के उठाए गंभीर सवालों पर संसद और मोदी सरकार करेगी गौर?
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने सरकार को इस बात की सलाह दी है कि संसद कुछ इस तरह की नीति बनाए ताकि सांसद अपना वेतन खुद नहीं बढ़ा सकें। संसद भवन नीति का केंद्र बने। केवल राजनीति का अखाड़ा नहीं। क्योंकि ऐसा देखने में आ रहा है कि सांसदों का वेतन लगातार बढ़ता जा रहा है और संसद का कार्यदिवस कम होता जा रहा है।
पुराने नोट बदलने के लिए और अवसर देने से सरकार का इंकार
नोटबंदी के बाद जिन लोगों ने साल 2016 के 30 दिसंबर तक अपने पुराने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट नहीं बदलवाए, केंद्र सरकार ने उनके लिए नोट बदलवाने का एक और मौका देने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करने से काला धन नष्ट करने का उद्देश्य खत्म हो जाएगा।