सीमा विवाद पर चीन के राजदूत से मिले थे राहुल गांधी! कांग्रेस का पहले इंकार, फिर किया स्वीकार
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : चीन और भारत के बीच सिक्किम सीमा पर जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और चीनी राजदूत लियो झाओहुई के बीच मुलाकात की खबर ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। चीनी दूतावास ने फेसबुक पोस्ट में पहले दावा किया कि चीनी राजदूत और राहुल गांधी ने चीन-भारत संबंधों पर विचारों को साझा किया, लेकिन बाद में दूतावास ने पोस्ट को हटा दिया। दोनों के बीच ये मुलाकात बीते शनिवार यानी 8 जुलाई को हुई बताई गई।
राहुल गांधी और चीनी राजदूत के बीच मुलाकात की इस खबर को कांग्रेस ने पहले तो सिरे से खारिज कर दिया। लेकिन जब ये लगा कि इससे राहुल और पार्टी की साख को नुकसान हो रहा है तो इस तर्क के साथ स्वीकार किया कि, 'हां! राहुल गांधी ने चीनी राजनयिक से मुलाकात की और भूटानी राजनयिक से भी। इस मुलाकात को सनसनीखेज़ मुद्दा बनाने की ज़रूरत नहीं है।' कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा कि भारत के चीन के साथ अब भी राजनयिक संबंध बरकरार हैं। सुरजेवाला ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि राहुल गांधी ने चीनी राजनयिक से मुलाकात की और भूटानी राजदूत से भी। यह स्टैंडर्ड प्रोसीजर है उन्होंने कहा, जी-5 देश के राजदूत शिष्टाचार के नाते राहुल गांधी से मुलाकात करते रहते हैं। हमें इन सामान्य शिष्टाचार मुलाकात को ख़बर नहीं बनाना चाहिए।
इससे पहले सुरजेवाला ने ही एक साथ कई ट्वीट कर कहा था कि कुछ समाचार चैनल भारत में चीन के राजदूत लियो झाओहुई के साथ राहुल गांधी की कथित मुलाकात की झूठी खबरें दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'न्यूज चैनल चीन का दौरा कर रहे तीन केंद्रीय मंत्रियों और जी20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के रवैये पर सवाल खड़े नहीं करेंगे।' उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के बारे में ये खबरें विदेश मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने गढ़ी हैं।
कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख राम्या ने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से मुलाकात की या नहीं? उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह जर्मनी के हैम्बर्ग में जी-20 सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सीमा विवाद का मुद्दा क्यों नहीं उठाया? उन्होंने सम्मेलन में मोदी और शी की तस्वीर को साझा करते हुए ट्वीट कर कहा, चीन की घुसपैठ हो रही है और इस दौरान यह बैठक हुई और 'कमजोर' प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे के बारे में बात करना भी मुनासिब नहीं समझा।
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, अगर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने चीनी राजदूत से मुलाकात की है तो भी मुझे यह कोई मुद्दा नहीं लगता। पर प्रधानमंत्री द्वारा निजी और सार्वजनिक तौर पर सीमा विवाद को जी-20 सम्मेलन में नहीं उठाना मुद्दा जरूर है।
बता दें कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को मोदी सरकार से चीन से सिक्किम के डोकलाम इलाके में जारी गतिरोध को लेकर सवाल किया था और पूछा था कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं?
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हाराव ने कहा, सरकार मामले को कूटनीतिक स्तर पर सुलझाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आउट ऑफ टर्न जाने की आदत है। वह सिर्फ ये बता दें कि उनकी चीन के राजदूत संग बैठक हुई थी या नहीं। पार्टी के एक और नेता गौरव भाटिया ने कहा- इस मुद्दे पर सभी पार्टियों को सरकार का साथ देना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा था, ‘हमारे प्रधानमंत्री चीन पर चुप क्यों हैं?’ राहुल गांधी की यह टिप्पणी जर्मनी के हैम्बर्ग में ब्रिक्स नेताओं की बैठक में मोदी व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आमने-सामने होने के बाद आई थी। पीएम मोदी की इजरायल यात्रा के दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर अब तक का सबसे बड़ा सियासी हमला करते हुए मोदी को एक कमजोर प्रधानमंत्री करार दिया था।
भारत और चीन के बीच गतिरोध डोकलाम में भारत, भूटान व चीन के तिराहे को लेकर है। चीन व भूटान दोनों डोकलाम पर दावा करते हैं। वहां भारतीय सेना ने चीन को सड़क बनाने से रोका है।