उद्धव ठाकरे को मोदी, शाह और भाजपा पर गुस्सा क्यों आता है?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : सदियों से एक कहावत चली आ रही है, 'गुड़ खाना और गुलगुले से परहेज करना'। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर यह बड़ी सटीक बैठती है। केंद्र की सरकार हो, बीएमसी हो या फिर महाराष्ट्र की सरकार हो भाजपा-शिवसेना का मजबूत गठजोड़ हर जगह कायम है फिर भी उद्धव को मोदी, शाह और भाजपा पर गुस्सा आता है और जब तब वह अपने मुखपत्र सामना में संपादकीय के माध्यम से अपने गुस्से को सार्वजनिक भी करते रहते हैं।
बड़ा सवाल यह कि आखिर मोदी-शाह की भाजपा पर उद्धव को गुस्सा क्यों आता है? यह सवाल राजनीतिक गलियारों में हर कोई एक दूसरे से पूछ रहा है। सबसे ताजा घटनाक्रम में सोमवार को उद्धव ने भारत के सभी 100 करोड़ हिंदुओं से कहा है कि वह भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ‘धर्मनिरपेक्ष’ घोषित कर ‘विश्वासघात और चरित्र हनन’ करने के आरोप में भाजपा के खिलाफ मामला दर्ज कराए। मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में शिवसेना प्रमुख ने कहा, भारत अब एक हिंदू राष्ट्र है। लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को इसी आधार पर चुना है। फिर अचानक हम धर्मनिरपेक्ष देश कैसे बन गए? क्या हिंदुओं का धरती की एक इंच जमीन पर भी अधिकार नहीं है?
भाजपा के साथ केंद्र व महाराष्ट्र की सत्ता में शामिल, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की घटक शिवसेना ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी सरकार चुनी गई थी, तब दुनियाभर के हिंदुओं ने इस बात का जश्न मनाया था कि ‘हिंदुत्व सरकार’ अस्तित्व में आई है। लेकिन, हाल ही में महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सम्मेलन में कहा कि ‘भारत बिना किसी आधिकारिक राजधर्म के धर्मनिरपेक्ष है। शिवसेना ने कहा, यह चौंकाने वाला है और हिंदुओं की पीठ में खंजर घोपने के समान है। भाजपा को पूरे भारत में और खासतौर पर उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व के मुद्दे पर सफलता हासिल हुई है।
शिवसेना ने कहा, धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल हिंदुत्ववादी ताकतों को हराने में किया गया। ऐसे में जब हिंदुत्व सरकार सत्ता में आई थी, तब उम्मीद थी कि धर्म निरपेक्षता हमेशा के लिए दफन हो जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। शिवसेना ने कहा, हम खुलेआम खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित करने में गर्व महसूस नहीं करते। दुनिया में 56 इस्लामी देश हैं और अमेरिका और रूस जैसे ईसाई देश हैं, चीन, जापान, श्रीलंका और म्यांमार जैसे बौद्ध देश हैं। लेकिन, पूरी धरती पर एक भी हिंदू राष्ट्र नहीं है।
इससे पहले हाल में कश्मीर में दो भारतीय सैनिकों की हत्या करने और उनके शव क्षति-विक्षत करने पर अपने गुस्से का इजहार करते हुए शिवसेना प्रमुख ने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मन की बात रोकें और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए गन की बात शुरू करें। शिव सेना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केन्द्र सरकार पर भारतीय जवानों की हत्या के संबंध में तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह सरकार निरर्थक सरकार है।
इससे पहले फरवरी में शिवसेना प्रमुख ने यहां तक कह दिया था कि उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जन्मकुंडली है। गुजरात दंगों की बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह भूल गए कि वह कैसे गोधरा सांप्रदायिक दंगों के बाद बच निकले थे। उद्धव ने कहा कि उनके पिता बाल ठाकरे हमेशा प्रधानमंत्री के साथ खड़े रहे और इस वजह से वह बचे।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मोदी सरकार, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा को सार्वजनिक रूप से बदनाम और अपमानित करने का कोई मौका नहीं गंवाते हैं। आखिर शिवसेना प्रमुख ऐसा करके क्या साबित करना चाहते हैं? शिवसेना की राजनीति को करीब से जानने वालों की मानें तो यह उद्धव की राजनीति का एक तरीका है। उद्धव को पता है कि मोदी और शाह की राजनीतिक चालों को अगर अपनी भाषा में जवाब नहीं देंगे तो वह उसे महाराष्ट्र की राजनीति से उखाड़ फेकेंगे। कई राज्यों में भाजपा वहां के क्षत्रपों को इस तरह से कमजोर कर खुद को मजबूत कर चुकी है।