प्रणब दा को मोदी में दिखता है नेहरू और इंदिरा का अक्स
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को जनता से बेहतर संवाद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने माना कि मोदी में उन्हें वही गुण दिखते हैं जो पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी में थे। दोनों ही अपनी बात बेहतरीन ढंग से कहने में दक्ष लोगों में शामिल हैं तथा उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। राजग सरकार के तीन साल पूरा होने पर एक पुस्तक लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने विभिन्न नई पहल की हैं तथा उनके कुछ निर्णय युग प्रवर्तक हैं।
PM के भोज में शामिल होंगे नीतीश, सोनिया की मेहमाननवाजी से दूर रहने पर दी सफाई
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक समझ के सब कायल हैं। राष्ट्रपति चुनावों को लेकर अब तक केन्द्र में दिख रहीं सोनिया के मुकाबले अब नीतीश विपक्षी खेमे के लिए ज्यादा अहम होते जा रहे हैं। सोनिया की लंच पार्टी से शुक्रवार को व्यस्तताओं की वजह से गायब रहने वाले नीतीश शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाई प्रोफाइल दावत का हिस्सा बनेंगे। पीएम ये भोज मॉरिशस के पीएम प्रविंद जुगनाथ के सम्मान में दे रहें हैं।
अचक डोले, कचक डोले...खैरा-पीपल कभी ना डोले
ट्विटर पर बेहद सक्रिय राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर इस सोशल हैंडल के जरिए मोदी सरकार और आरएसएस पर जबरदस्त हमला बोला है। आयकर विभाग की तरफ से बेनामी संपत्ति के मामले में छापों के बाद से लालू गुस्से में हैं और उन्होंने 22 ठिकानों पर मारे गए छापों की खबर को अपनी छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है। उन्होंने भाजपा सरकार की तुलना लंका से की है और दावा किया है कि वो इसे भस्म कर देंगे। राजद प्रमुख ने प्रधानमंत्री तक को नहीं बख्शा और उनको झांसों के राजा की उपाधि दी।
नहीं रहे केन्द्रीय मंत्री माधव दवे, प्रधानमंत्री ने बताया निजी क्षति
केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल माधव दवे (61 साल) का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कुछ दिन पहले तबीयत खराब होने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसे निजी क्षति बताया है। दवे मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य थे। यहां भाजपा और आरएसएस से लंबे वक्त से जुड़े रहे। पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्होंने बहुत काम किया।
साबित हो गया कि अमरकंटक से जुड़े मिथक पर यकीन रखते हैं 'विकास पुरुष' मोदी
मिथक तो मिथक है जिसे कई लोग तोड़ने का साहस दिखाते हैं तो कई उसको मानते हुए कुछ नया गढ़ने की कोशिश करते हैं। ऐसा ही एक मिथक अमरकंटक को लेकर है। माना जाता है कि यहां पहुंचने के लिए जो भी मां नर्मदा के उद्गम स्थल को जो भी राजनेता पार करता है उसका अंत निश्चित है। सत्ता से या जीवन से। शायद यही वजह रही कि अमरकंटक पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वो रास्ता चुना जो इनके अनूरुप हो। नमामि नर्मदा का हिस्सा भी बनें और वो गलती भी नहीं दोहराई जो इनके पूर्ववर्ती कर गए थे।
तीन साल पूरे करने पर लालू की मोदी सरकार को चुनौती- हिम्मत है तो लोकसभा भंग कर करायें चुनाव
चारा घोटाले को लेकर कानून के लगातार बढ़ रहे शिकंजे के बीच भी बिहार में सत्तारूढ़ राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद के तेवर कम नहीं हुए हैं। अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है। केन्द्र सरकार के तीन साल पूरे करने पर लालू ने लोकसभा भंग कर फिर से आम चुनाव कराने का चैलेंज दिया है। लालू ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पिछले तीन साल में सभी मोर्चो पर विफल साबित हुई है।
अखिलेश के विवादित बयान से कांग्रेस ने किया किनारा
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक बयान अब उनके गले की फांस बन गया है। चारों ओर से उन पर राजनीतिक हमले हो रहें हैं और सोशल मीडिया पर भी लताड़े जा रहें हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने सवाल किया था कि गुजरात से कोई जवान क्या शहीद हुआ है? अब उनके इस बेतुके सवाल से उनके साझेदार कांग्रेस ने भी किनारा कर लिया है।
पीएम की मुस्लिम समाज से अपील- 'तीन तलाक का राजनीतिकरण ना करें'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुस्लिम समाज से तीन तलाक पर गंभीरता से विचार कर उसका हल निकालने का आग्रह किया। ब्रह्म समाज के महान सुधारक राजा राममोहन राय का उदाहरण देकर समझाने का प्रयास किया कि जब भी समाज में कुछ अलग हट कर सोचा या किया जाता है तो उसका विरोध होता है। उन्होंने इस मसले पर राजनीति ना करने की भी सलाह दी।
क्या ऐसे अमल में आएगा विजन डॉक्यूमेंट?
ज्यादा दिन नहीं बीते जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के सीएम के साथ मिलकर न्यू इंडिया विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया। जिसमें देश के आर्थिक विकास के लिए 15 वर्षीय विजन डॉक्यूमेंट, सात साल के लिए सरकार की रणनीति और 3 साल में देश का कायाकल्प करने के एक्शन प्लान पर चर्चा हुई। पीएम ने जीएसटी पास कराने के लिए विभिन्न राज्यों की सरकारों के सहयोग को अभूतपूर्व माना। लेकिन क्या ही अच्छा होता अगर पीएम इस राष्ट्र के आर्थिक विकास को तवज्जो देने के साथ ही उन मजलूमों का भी जिक्र करते जो इन दिनों गौरक्षकों के खौफ के साए में जी रहे हैं।
दवा तो है पर दर्द और मर्ज का इलाज जरूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को लेकर जो उद्गार व्यक्त किए वो काबिल-ए-तारिफ है। खासकर जेनेरिक दवाओं के इस्तेमाल संबंधी नियम और कायदों को लेकर। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ऐसा कानून बनाने पर विचार कर रही है जिसके आधार पर चिकित्सक मरीजों को जेनेरिक दवाएं परचे पर लिखने के लिए बाध्य होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके तहत चिकित्सक मरीज को लिखेगा कि वो जेनेरिक दवाओं का प्रयोग करे और उसे इसके अलावा कोई और दवाई लेने की जरूरत नहीं है। अच्छा होता कि मोदी ये दायरा केवल मरीजों और चिकित्सकों तक ही ना सीमित रखते बल्कि दवायें बेचने वाली बड़ी कम्पनियों को भी इस जद में लाने का खाका कम से कम अपनी बात के जरिए ही करते। यानी दवा का असल मर्ज क्या है इसे ढूंढना, परखना जरूरी है।