TII ने उजागर किया 16 राज्यों के सूचना आयोगों का गड़बड़झाला
भ्रष्टाचार एवं पारदर्शिता पर काम करने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया (टीआईआई) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचना के अधिकार कानून को लेकर राज्यों के सूचना आयोगों की स्थिति बदतर है और विभिन्न राज्यों में इस कानून का क्रियान्वयन और निष्पादन का स्तर काफी पीछे है।
मप्र में किसानों की खुदकुशी लीला जारी, कांग्रेस ने शिवराज को कहा यमराज
मध्यप्रदेश यानी शिव के राज में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला अभी भी जारी है। शनिवार को भी कर्ज से परेशान दो किसानों ने आत्महत्या कर ली। इस तरह राज्य में 21 दिनों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 36 हो गई है, जबकि कांग्रेस 25 दिनों में 55 किसानों की आत्महत्या की बात कह रही है।
किसानों की आत्महत्या का अंतहीन सिलसिला
मध्य प्रदेश में कर्ज का बोझ और सूदखोरों से परेशान किसानों की आत्महत्या का अंतहीन सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जनपद सीहोर में एक और किसान ने सोमवार सुबह अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। गिनती करें तो सीहोर में पिछले 8 दिनों में चौथे किसान ने खुदकुशी की है। और मंदसौर में गोलीबारी की घटना के बाद आठ दिनों में 12 किसानों ने जान दी है। आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़ने का मतलब साफ है कि उसका सरकार में भरोसा पूरी तरह से खत्म हो चुका है। यह एक भयावह स्थिति है। समय रहते सरकार ने इस अन्नदाता की तकलीफ पर ध्यान नहीं दिया तो आत्महत्या का यह अंतहीन सिलसिला जारी रहेगा और वो दिन दूर नहीं जब देश में किसानी करने वाले अन्नदाता खत्म हो जाएंगे। सोचिए! तब क्या होगा?
मध्य प्रदेश सरकार ने आखिरकार माना कि पुलिस की गोली ने ही ली किसानों की जान
मध्यप्रदेश सरकार ने आखिरकार मान ही लिया कि प्रदेश पुलिस की ओर से चलाई गई गोलियों ने ही 5 किसानों की जान ली। प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अब तक की जांच से स्पष्ट हुआ है कि किसानों की मौत पुलिस की गोली से ही हुआ है। किसान आंदोलन के बाद उग्र हुए विरोध प्रदर्शन से माल्वा इलाके के 9 जिले मंदसौर, नीमच, खरगौन, देवास, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन और बडवाणी सबसे ज्यादा प्रभावित है।
मंदसौर में आंदोलित अन्नदाताओं पर फायरिंग में 6 की मौत, सिंधिया बोले- मप्र के लिए काला दिन
एक तरफ मोदी सरकार पूरे देश में सरकार की उपलब्धियों का जश्न मना रही है तो दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों का सहारा लेकर अन्नदाताओं को गोली मारी जा रही है। मंदसौर में धरने पर बैठे किसानों पर पुलिस की फायरिंग में करीब 6 किसानों के मारे जाने की खबर है।
मध्य प्रदेश में RSS से दो-दो हाथ करेगा राष्ट्रीय कांग्रेस स्वयंसेवक संघ
बिहार के बाद अब मध्यप्रदेश में भी भाजपा को जवाब देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तर्ज पर संगठन बनाने का ऐलान किया गया है। इस संघ का नाम राष्ट्रीय कांग्रेस स्वयंसेवक संघ (आरसीएसएस) होगा। इस संघ से उन लोगों को जोड़ा जाएगा, जो कांग्रेस की विचारधारा के पक्षधर हैं।
भाजपा नेता का शर्मनाक बयान, कहा- आत्महत्या करने वाला असली किसान नहीं!
मध्यप्रदेश के भाजपा विधायक ने किसानों की आत्महत्या को लेकर बेहद शर्मनाक बयान दिया है। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि आत्महत्या करने वाला शख्स असली किसान नहीं होता। विधायक रामेश्वर शर्मा ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मरे वो किसान हैं जो किसान कम और सब्सिडी चाटने का व्यापार ज्यादा करते हैं।
नहीं रहे नरेन्द्र मोदी के कट्टर विरोधी और MP के पूर्व CM सुंदर लाल पटवा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
Bypoll Results : बंगाल में ममता, मप्र में BJP, त्रिपुरा में CPM की जीत
भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ने उप-चुनाव में दो-दो लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर दावा किया कि ये नतीजे 500 और 1000 रूपए के पुराने नोट बंद करने के मोदी सरकार के फैसले पर उनके अपने-अपने रूख को सही ठहराते हैं। 6 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में हुए उप-चुनाव में मुख्य रूप से सत्ताधारी पार्टियों का ही पलड़ा भारी रहा। इन राज्यों में जिन 10 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव हुए, उनमें से ज्यादातर सीटों पर वहां की सत्ताधारी पार्टी को ही जीत मिली।
7 राज्यों की 12 सीटों पर उप-चुनाव सम्पन्न, त्रिपुरा में 90 फीसदी मतदान
शनिवार को 7 राज्यों की 8 विधानसभा और 4 लोकसभा सीटों पर उपचुनावों के लिए वोटिंग संपन्न हुई। सभी सीटों पर 22 नवंबर को नतीजे आएंगे। असम, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, त्रिपुरा, पुड्डुचेरी में आठ विधानसभा और चार लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हुआ। सबसे अधिक मतदान प्रतिशत त्रिपुरा का रहा। यहां 90 फीसदी से ज्यादा मतदान रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि इन चुनावों को केन्द्र के नोटबंदी फैसले के बाद काफी अहम माना जा रहा है।