सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की फोटो प्रतिबंधित
व्यक्ति पूजा को लोकतंत्र विरोधी कृत्य बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस के अलावा दूसरे नेताओं की तस्वीरों के प्रकाशन पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कुछ अपवादों के साथ सार्वजनिक विज्ञापनों को विनियमित करने के बारे में तीन सदस्यीय समिति के सुझावों को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने सरकार को किसी विशेष मीडिया घराने को संरक्षण देने से बचने की भी सलाह दी।
मालवीय को भारत रत्न, आडवाणी को पद्म विभूषण
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश को गौरवान्वित करने वाले कई नेताओं और प्रख्यात व्यक्तियों को सोमवार को राष्ट्रपति भवन में एक सादे समारोह में भारत रत्न तथा पद्म पुरस्कारों से अलंकृत किया। पंडित मदनमोहन मालवीय को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा गया। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तथा जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को भी पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
भूमि अध्यादेश के लिए राज्यसभा का सत्रावसान
विवादास्पद भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को पुन: जारी करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए राज्यसभा का सत्रावसान कर उच्च सदन के बजट सत्र को संक्षिप्त कर दिया गया। राज्य सभा सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्यसभा के 234वें सत्र का सत्रावसान कर दिया है।
अटल बिहारी वाजपेयी भारत रत्न से सम्मानित
भारतीय राजनीति का करिश्माई नेता, ओजस्वी वक्ता, प्रखर कवि और विरोधियों में भी हमेशा सम्मान के पात्र रहे राजनेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शुक्रवार को देश के शीर्ष नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकोल को दरकिनार करते हुए इन दिनों अस्वस्थ चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर खुद जाकर उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीटर पोस्ट में कहा, ‘करोड़ों भारतीयों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है।
भारत तेज विकास करने वाली अर्थव्यवस्था : प्रणब
केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास' को मौलिक सिद्धांत करार देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि भारत के हालिया जीडीपी के अनुमानित वृद्धि दर ने इसे दुनिया के सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। उन्होंने कहा, 'ताजा अनुमानों के मुताबिक, हमारा जीडीपी 7.4 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, जिसने भारत को दुनिया के सबसे तेजी से तरक्की करने वाली अर्थव्यवस्था में बदल दिया है।' राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे।
अध्यादेश नहीं, आमराय से बने कानून : राष्ट्रपति
66वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश की सरकार से आम सहमति से कानून बनाने, आतंकी घटनाओं से कड़ाई से निपटने, महिलाओं का आदर करने तथा निवार्चित प्रतिनिधियों से जनता के भरोसे का सम्मान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि धर्म एकता की ताकत है और इसे टकराव का कारण नहीं बनने दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना चर्चा कानून बनने से संसद की भूमिका को धक्का पहुंचता है। इससे जनता का भी विश्वास टूटता है जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
नागरिकता कानून में बदलाव, PIO को ताउम्र वीजा
प्रवासी भारतीय दिवस से ठीक पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पीआइओ (भारतीय मूल के व्यक्ति) और बाहर बसे भारतीयों (ओसीआइ) की नागरिकता का विलय करने के अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका और आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान इस आशय का वादा किया था।
राजनेताओं को ही बनाया जाए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मानना है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों पर राजनेताओं को ही आसीन होना चाहिए। हाल ही में जारी अपनी किताब ‘द ड्रामेटिक डेकेड: द इंदिरा गांधी इयर्स में मुखर्जी का कहना है कि कोई गैर राजनीतिक व्यक्ति नाजुक स्थिति को संतुलित नहीं कर पाता है।
जब प्रणब मुखर्जी को इंदिरा गांधी से पड़ी थी फटकार
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी पुस्तक में खुलासा किया है कि इंदिरा गांधी की इच्छा के विपरीत बोलपुर से 1980 का लोकसभा चुनाव लड़ा था और जब वह हार गए थे तब इंदिरा गांधी ने उन्हें काफी देर तक फटकार लगायी थी लेकिन हारने के बाद भी उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल गई थी।
'आपातकाल के नियमों से अनजान थीं इंदिरा'
देश की महत्वपूर्ण शख्सियतों के हाथों किताबें लिखे जाने के क्रम में कभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब 'द ड्रैमेटिक डिकेड : द इंदिरा गांधी इयर्स' हाल में सामने आई है। इस किताब में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जिंदगी से जुड़े पहलुओं पर फिर से चर्चा छिड़ने के आसार हैं। अपनी किताब में प्रणब दा ने आपातकाल को ऐसा फैसला करार दिया, जिसे टाला जा सकता था और इसकी इंदिरा गांधी को भारी कीमत चुकानी पड़ी। मुखर्जी ने लिखा है कि वह इस फैसले के सांविधानिक प्रावधानों से वाकिफ नहीं थीं।