स्वामी ने दिए संकेत- राम मंदिर निर्माण में नहीं चलेगी भक्तों की मर्जी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी स्वामी ने संकेत दिए हैं कि राम मंदिर तो बनेगा लेकिन उसमें कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। मतलब साफ है कि राम के नाम पर राजनीति कर रही पार्टी भक्तों की मर्जी नहीं चलने देगी और अपनी सहूलियत का खास ख्याल रखकर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ायेगी। खास बात ये कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2017 की तैयारी में जुटी भाजपा इन दिनों राम लल्ला के प्रति ज्यादा ही लगाव दिखा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर सभी छोटे बड़े नेता और मंत्री राम के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। वहीं, इससे पहले भी स्वामी ने संकेत दिए थे कि भाजपा विकास पर नहीं राम मंदिर के मुद्दे पर ही विधानसभा चुनावों में हाथ आजमायेगी।
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राम मंदिर मुद्दे पर स्वामी ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा- हम नहीं कह रहे कि जबरदस्ती हम लोग मंदिर का निर्माण करेंगे। हम लोग सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से ही ऐसा करेंगे। स्वामी ने दोहराया कि राम का मुद्दा उनके 2014 के घोषणा-पत्र में था इसलिए भाजपा अपने वायदे से मुकर नहीं सकती है। हमें जो कहा है उसे कर के दिखाना होगा।
गौरतलब है कि अपने बेबाक बोलों के लिए मशहूर स्वामी ने दो दिन पहले ही कहा था कि इस बार चुनाव राम के नाम पर भाजपा लड़ेगी। इस बीच भाजपा के प्रयासों से भी लग रहा है कि वो राम नाम पर अपनी नैया पार लगाने की जुगत में है। हालांकि पार्टी आधिकारिक तौर पर खुलकर मंदिर निर्माण पर तो कुछ नहीं कह रही लेकिन रामायण म्यूजियम की बात कर राम पर खेल जरूर रही है। वैसे पार्टी का एक धड़ा राम मंदिर पर तो सहमत है लेकिन संग्रहालय जैसे मुद्दे को पसंद नहीं कर रहा है। मंगलवार को ही सांसद विनय कटियार ने इसे लॉलीपॉप करार दिया था।
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भगवा पार्टी के झंडे तले समाज का एक तबका हमेशा से मंदिर निर्माण को लेकर उत्साहित रहा है लेकिन अब जिस तरह स्वामी सुप्रीम कोर्ट का नाम ले गेंद कोर्ट के पाले में डाल रहें हैं, उससे लगता है कि पार्टी अपने समर्थकों को ठग रही है। सवाल उठ रहें हैं कि अगर कानून की ही बात थी तो राम मंदिर का मुद्दा आखिर घोषणा-पत्र में शामिल ही क्यों किया गया?