उद्धव की भविष्यवाणी; महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव को तैयार रहें लोग
सत्ता विमर्श ब्यूरो
मुंबई : महाराष्ट्र में भाजपा सरकार की अहम सहयोगी पार्टी शिवसेना शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने एक गंभीर भविष्यवाणी करते हुए कहा है, 'मुझे तो निकट भविष्य में मध्यावधि चुनाव नजर आ रहे हैं, लोग तैयार रहें।' एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने साफ किया है कि हम बीएमसी चुनाव के बाद समर्थन वापसी पर विचार करेंगे। पहली बार उनकी पार्टी शिवसेना 37000 करोड़ रुपये के बजट वाली मुंबई महानगर पालिका के चुनाव में भाजपा से दो-दो हाथ करेगी। बीएमसी पर पिछले 20 वर्षों से शिवसेना का राज है। चुनाव 21 फरवरी को होना है और नतीजे 23 फरवरी को आएंगे।
उद्धव ने भाजपा द्वारा लगाए गए उन आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई जिसमें कहा गया है कि निगम के बजट में पारदर्शिता नहीं है और 350 करोड़ का घोटाला किया गया है। भाजपा ने घटिया स्तर की सड़कें बनाने का आरोप भी लगाया है। ठाकरे ने सवालिया लहजे में कहा, आर्थिक सर्वे पर नजर डाल लीजिए, क्या उसमें ऐसा कहीं मिल रहा है।'
ठाकरे ने परोक्ष रूप से भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, मुंबई हमारा गढ़ है। मैं इसके खिलाफ कोई भी कलंक बर्दाश्त नहीं करूंगा। आप मेरे बारे में चाहे कुछ भी कहें लेकिन मेरे शहर के बारे में नहीं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मधुर संबंधों के बारे में सफाई देते हुए उन्होंने कहा, मधुर संबंध का मतलब यह नहीं है कि आप झूठ बोलें।
गौरतलब है कि देश की सबसे बड़ी नगरपालिका में इस बार भाजपा और शिवसेना अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि राज्य और केंद्र में दोनों का गठबंधन मौजूद है। भाजपा 227 सीटों वाली बीएमसी में 114 सीटें मांग रही थी। लेकिन शिवसेना 60 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं थी। जब बात नहीं बनी तो शिवसेना ने अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया और 195 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इसके बाद से दोनों पार्टियों में जुबानी जंग जारी है।
इससे पहले एनडीटीवी से एक अन्य साक्षात्कार में शिवसेना यूथ विंग के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि भाजपा विकास के बड़े-बड़े दावे पोस्टरों पर कर रही रही है। खासकर के शहर में मेट्रो लाने का श्रेय मुख्यमंत्री फडणवीस को दिया जा रहा है लेकिन सब कोई जानता है कि मेट्रो प्रोजेक्ट कांग्रेस की सरकार लाई थी।
मालूम हो कि भाजपा और शिवसेना ने 2014 का विधानसभा चुनाव बिना गठबंधन के लड़ा था। चुनाव में भाजपा को शिवसेना से अधिक सीटें मिली थी। बाद में दोनों के सहयोग से गठबंधन सरकार बनी थी। उसके बावजूद शिवसेना नरेंद्र मोदी सरकार में सहयोगी बनी रही। हालांकि कई मुद्दों पर शिवसेना मोदी सरकार को घेरती रही है। नोटबंदी के फैसले की भी शिवसेना ने आलोचना की थी।
महाराष्ट्र विधानसभा की स्थिति
कुल सीटें - 288
भाजपा - 122
शिवसेना - 63
कांग्रेस - 42
एनसीपी - 41
अन्य - 20