मालदीव में राजनीतिक संकट गहराया, सेना ने संसद परिसर को घेरा
मालदीव में राजनीतिक उठापटक के बीच सेना ने संसद परिसर को घेर लिया है। तेजी से बदल रहे घटनाक्रम के तहत देश के संसदीय सचिव के इस्तीफे के बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। कहते हैं कि इस अनधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए सेना ने यह कदम उठाया है।
बिहार में महागठबंधन को बचाने के लिए सोनिया ने नीतीश और लालू से की बात
बिहार की सियासत में मचे घमासान का धीरे-धीरे पटाक्षेप होने लगा है। महागठबंधन में शामिल दलों के बीच चल रही खींचतान के बीच शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार से हुई बातचीत के बाद महागठबंधन टूटने से फिलहाल बच गया है।
नगालैंड में गरमाई सियासत, जेलियांग ने पेश किया सरकार बनाने का दावा
नगालैंड में मुख्यमंत्री डॉ शुरहोजेली लीजीत्सु से इस्तीफे और टी.आर. जीलियांग को नया मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर राज्य में राजनीतिक संकट गहराता ही जा रहा है। पूर्व सीएम टीआर जेलियांग ने राज्यपाल पीबी आचार्य को चिट्ठी लिखी है जिसमें कहा गया है कि एनपीएफ के 47 विधायकों में से 35 विधायक (खुद समेत) ने मुझे एनपीएफ के विधान मंडल के नेता के रूप में समर्थन दिया है।
नागा पीपुल्स फ्रंट में फूट से नागालैंड में राजनीतिक संकट गहराया, चार मंत्री बर्खास्त
नागालैंड में सत्ता पर काबिज नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) में आंतरिक कलह से राज्य सरकार के समक्ष मुश्किल खड़ी हो गई है। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री टी. आर. जेलियांग के शनिवार को राज्यपाल पी.बी.आचार्य को एक पत्र लिखकर नई सरकार बनाने के दावे के बाद मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सु ने 10 संसदीय सचिवों और चार प्रमुख मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है।
और कमजोर होगी AIADMK की सियासी ताकत
ऑल इंडिया अन्नाद्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की हालत कमोबेश आज वही है जो कांग्रेस की इंदिरा गांधी की मौत के बाद थी। हालत इतनी बदतर होती गई कि राष्ट्रीय राजनीति की धुरी रही कांग्रेस लोकसभा चुनावों में बुरी तरह पिटी और 44 सीटों तक सिमट गई। हालात अभी भी सुधरे नहीं हैं। पार्टी अभी भी किसी करिश्माई नेता के लिए तरस रही है। जयललिता की मौत के बाद एआईएडीएमके भी उसी दौर से गुजर रही है।
शशिकला ने खेला इमोशनल कार्ड, बोलीं- एक महिला के लिए राजनीति मुश्किल
शपथ ग्रहण न कर पाने और सांसदों का साथ छोड़कर चले जाने के बीच एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला ने रविवार को इमोशनल कार्ड खेला और कहा कि एक महिला के लिए राजनीति में रहना बहुत मुश्किल काम है। जयललिता के समय में भी ऐसा ही हुआ था, लेकिन उन्होंने मुश्किलों पर जीत पाई। अपने भाषण के दौरान शशिकला भावुक भी हो गईं।
शशिकला vs पनीरसेलवम को लेकर तमिलनाडु में राजनीतिक संकट गहराया, निगाहें राज्यपाल पर
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी एआईएडीएमके में उत्तराधिकार को लेकर चल रही खींचतान की राजनीति बड़े ही रोचक दौर में पहुंच गई है। गुरुवार को एआईएडीएमके की महासचिव वीके शशिकला तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव से मिलीं और विधायकों का समर्थन का हवाला देते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया।
मुलायम vs अखिलेश, आखिर कब तक?
समाजवादी पार्टी में पारिवारिक कलह की आग से जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी झुलसने लगे तो हमेशा से पिता मुलायम के हर फैसले को मानने वाले सुल्तान (अखिलेश) ने अपनी ताकत का अहसास कराकर जता दिया कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनकी स्वतंत्र सत्ता है और इसमें जनता, समाजवादी पार्टी और सरकार तीनों का समर्थन हासिल है। बड़ा सवाल यह है कि पिता-पुत्र के बीच इस तरह का शक्ति परीक्षण कब तक चलता रहेगा? अगर यह नौटंकी है और सब कुछ फिक्स है तो यह प्रदेश की जनता और सपा के लाखों कार्यकर्ताओं से बड़ा धोखा है।
अरुणाचल में फिर उठापटक; खांडू निलंबित, तकाम बने नए सीएम
अरुणाचल प्रदेश की सियासत में एक बार हुए उठापटक के तहत मुख्यमंत्री पेमा खांडू को पद से बर्खास्त कर तकाम पारियो को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। पालिन विधानसभा सीट से विधायक पारियो को पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) की बैठक में सर्वसम्मति से राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुना गया। तकाम पारियो पूर्व कांग्रेस सांसद तकाम संजय के भाई हैं।
उत्तराखंड में सरकार बचाने की जद्दोजहद
उत्तराखंड में रावत सरकार को बचाने और गिराने की सियासती लड़ाई अब अदालत में लड़ी जा रही है। केंद्र के राष्ट्रपति शासन की सिफारिश और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नैनीताल हाईकोर्ट की एकल बेंच ने जिस तरह से उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को गलत ठहराते हुए रावत सरकार को 31 मार्च को कोर्ट के रजिस्ट्रार की मौजूदगी में विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने का आदेश दिया है उससे केंद्र सरकार की किरकिरी तो हुई ही है, लेकिन संतुलन बनाने के लिए कोर्ट ने यह भी कहा है कि कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को भी वोटिंग का अधिकार होगा। हालांकि इन विधायकों के वोट अलग से सीलबंद लिफाफे में डाले जाएंगे और इसे अगले दिन यानी एक अप्रैल को कोर्ट में खोला जाएगा। ताकि यह पता चल सके कि जिन बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की गई है वे वाकई रावत सरकार के खिलाफ थे।