जिस कमल नाथ को इंदिरा गांधी मानती थीं तीसरा बेटा, कांग्रेस ने बनाया मध्य प्रदेश का सीएम
लंबी माथापच्ची के बाद मध्यप्रदेश में कमल नाथ जिसे इंदिरा गांधी अपना तीसरा बेटा मानती थी, को कांग्रेस पार्टी ने नए मुख्यमंत्री के तौर पर चुना है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दिल्ली में हुई बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी। उसके बाद भोपाल में विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुन लिया गया।
जन्मशती पर 'राष्ट्र की मां' कहकर वरुण ने इंदिरा को किया याद, ट्वीटर पर लिखा- मिस यू दादी
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज जन्मशती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कांग्रेस व अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें याद किया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के परिवार के लोगों ने भी 100वीं जयंती पर उन्हें याद किया। अपनी दादी को याद करते हुए वरुण गांधी ने ट्वीट किया- मिस यू दादी।
फडणवीस ने माना इंदिरा का लोहा, बोले- आपातकाल की वजह से उनके योगदान को भुला नहीं सकते
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं स्व. इंदिरा गांधी को याद किया और उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। फडणवीस यहां विधान परिषद में इंदिरा गांधी की जन्मशती पर उनकी प्रशंसा करने वाले एक प्रस्ताव को पेश करने के बाद अपनी बात रख रहे थे।
अमित शाह ने इस्तीफे से किया इंकार, कहा- राज्यसभा सांसद बनने के बाद भी अध्यक्ष पद पर बना रहूंगा
गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर उठ रही उंगलियों के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि उनकी पार्टी या सरकार इंदिरा गांधी की तर्ज पर राजनीति नहीं करती। राज्यसभा सांसद बनने के बाद पार्टी के पद से इस्तीफा देने के सवाल पर शाह ने कहा- सवाल ही नहीं उठता है।
'अघोषित आपातकाल' शब्द का इस्तेमाल करने वालों पर बरसे जेटली, कहा- आत्ममंथन करें
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ जो लोग ‘अघोषित आपातकाल’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें आपातकाल के दौरान अपनी भूमिका के बारे में आत्ममंथन करना चाहिए। आपातकाल के 42 साल शीर्षक से लिखे एक लेख में जेटली ने लिखा, ‘देश में किसी भी सरकार की आलोचना के लिए अघोषित आपातकाल शब्द के इस्तेमाल की परंपरा बन गई है।
प्रणब दा को मोदी में दिखता है नेहरू और इंदिरा का अक्स
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को जनता से बेहतर संवाद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने माना कि मोदी में उन्हें वही गुण दिखते हैं जो पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी में थे। दोनों ही अपनी बात बेहतरीन ढंग से कहने में दक्ष लोगों में शामिल हैं तथा उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। राजग सरकार के तीन साल पूरा होने पर एक पुस्तक लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने विभिन्न नई पहल की हैं तथा उनके कुछ निर्णय युग प्रवर्तक हैं।
इंदिरा गांधी की तरह PM मोदी ने भी 'गरीबी' को बनाया हथियार
भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन भाषण में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि यह सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने यह भी कहा कि गरीब हमारे लिए चुनाव जीतने का जरिया नहीं हैं। यह हमारे लिए कोई वोट बैंक नहीं है। गरीब तो हमारे लिए सेवा का अवसर हैं। उन्होंने कहा कि देश के गरीबों ने नोटबंदी के अहम फैसले को स्वीकार किया है।
संसदीय राजनीति का वो दौर जब अटल...
इसमें कोई दो-राय नहीं कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से अपनी राजनीतिक जीवन यात्रा की शुरुआत की थी और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ बनाते वक्त जिन तीन-चार लोगों को संघ से लिया था उनमें से वाजपेयी एक थे। वाजपेयी के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे संघ के अनुशासन को भले ही मानते रहे, लेकिन उनके विचारों की दुनिया में हमेशा खुली हवा का खास स्थान रहा। इसलिए वाजपेयी आरएसएस के पसंदीदा नेताओं में से कभी नहीं रहे।
इंदिरा के बहाने PM मोदी पर एनसीपी मुखिया पवार ने किया प्रहार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने नोटबंदी की बहस में इंदिरा गांधी को घसीटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया और सवाल पूछा कि उनके बाद आए अटल बिहारी वाजपेयी समेत अन्य प्रधानमंत्रियों ने नोटबंदी का यह फैसला क्यों नहीं किया।
नहीं रहे अमेरिका को आंख दिखाने वाले फिदेल कास्त्रो
स्त्रो क्यूबा का वो शख्स जो निडरता से अमेरिका जैसी महाशक्ति के सामने झुका नहीं, जिसने क्यूबा की सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका और एक बार मुंह की खाने के बाद फिर डट गया। नेहरू-गांधी परिवार से भी उनका खास रिश्ता था। खासकर इंदिरा गांधी को वो अपनी बड़ी बहन मानते थे। यही वजह थी कि भारत में 1983 के नाम समिट में जब वो भारत पधारे तो सभी को हैरान करते हुए उन्होंने इंदिरा को गले लगा लिया।